नोएडा। यह बात वर्ष-1976 की है। जब 17 अप्रैल 1976 को नोएडा शहर की स्थापना की गयी थी। अब उत्तर प्रदेश का प्रसिद्ध शहर नोएडा पूरे 48 साल का हो गया है। आज नोएडा शहर का 49वां बर्थडे है। ऐसे में आप नोएडा शहर को जरूर जानना चाहते होंगे। तो हम आपका पूरा परिचय करा देते हैं। उत्तर प्रदेश की औद्योगिक राजधानी नोएडा से।
आपको बता देते हैं कि राजधानी दिल्ली में यमुना नदी के किनारे औखला औद्योगिक क्षेत्र बसा हुआ है। वर्ष-1976 में औखला को आगे बढ़ाते हुए यमुना नदी के उत्तर प्रदेश की तरफ पडऩे वाले क्षेत्र में न्यू औखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण की स्थापना की गई। न्यू औखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण को ही संक्षिप्त में (नोएडा) के नाम से जाना जाता है। आज यह शहर किसी परिचय का मोहताज नहीं है। भारत देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटा हुआ नोएडा भारत के सबसे बड़े प्रदेश उत्तर प्रदेश का प्रवेश द्वार भी है। नोएडा शहर को उप्र की औद्योगिक राजधानी भी कहा जाता है।
कुल 168 सेक्टर हैं नोएडा में
उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास अधिनियम-1976 के तहत 17 अप्रैल 1976 को की स्थापना हुई थी। नोएडा के मास्टर प्लान के मुताबिक नोएडा शहर में कुल 168 अलग-अलग सेक्टर हैं। नोएडा के सेक्टरों को अलग से कोई नाम नहीं दिया गया है। यहां के सभी सेक्टरों को गणित के अंकों (यानि सेक्टर 1, 2, 3) के नाम से जाना जाता है। नोएडा शहर में सबसे पहले सेक्टर-1 से लेकर सेक्टर-10 तक बसाए गए थे। इसके बाद बसाए गए सेक्टर-11 का आधा भाग आवासीय सेक्टर है तो आधा भाग औद्योगिक सेक्टर है। सेक्टर-11 के आगे सेक्टर-12 व सेक्टर-22 नोएडा के सबसे बड़े व सबसे पुराने आवासीय सेक्टर हैं। आपकी सुविधा के लिए हम नीचे नोएडा के आवासीय सेक्टरों व औद्योगिक सेक्टरों की पूरी सूची प्रकाशित कर रहे हैं।
तीन फेज में फैला है नोएडा शहर
नोएडा को तीन प्रमुख हिस्सों (फेज) में बांटा गया है। इन हिस्सों का नाम नोएडा फेज-1, नोएडा फेज-2, तथा नोएडा फेज-3 रखा गया है। नोएडा शहर में आपको वह सब कुछ मिल जाएगा जो किसी भी आधुनिक शहर में जरूरी साधन व सुविधा मानी जाती हैं। नोएडा शहर में दुनिया भर के प्रसिद्ध स्कूलों की शाखाएं हैं। इनमें दिल्ली पब्लिक स्कूल , एमिटी इंटरनेशनल स्कूल विश्व भारतीय पब्लिक स्कूल आर्मी पब्लिक स्कूल जैसे नाम भी शामिल हैं।
नोएडा की लाइफ लाइन है मेट्रो रेल
नोएडा शहर के यातायात को सुगम बनाने के लिए इस शहर की लाइफ लाइन मेट्रो रेल है। यहां पर यह बताना जरूरी है कि नोएडा में दिल्ली मेट्रो रेल कॉपोर्रेशन की ब्लू लाइन व मजेंटा लाइन तथा नोएडा मेट्रो रेल कॉपोर्रेशन (ठटफउ) की एक्वा रेल लाइन बनाई गई है। ऊटफउ की ब्लू मेट्रो ट्रेन नोएडा के सेक्टर-15 से लेकर सेक्टर-62 इलेक्ट्रोनिक सिटी तक जाती है। वहीं मजेंटा लाइन बॉटेनिकल गार्डन से जनकपुरी वेस्ट तक जाती है। जबकि की एक्वा मेट्रो ट्रेन सेक्टर-51 से लेकर ग्रेटर नोएडा के डिपो मेट्रो स्टेशन तक चलाई गई है। दोनों ही मेट्रो ट्रेन लाइनों को नोएडा शहर की लाइफ लाइन माना जाता है। नोएडा शहर को बसाने में इस क्षेत्र के गांवों में रहने वाले किसानों का सबसे बड़ा योगदान है। उत्तर प्रदेश के 86 गांवों के किसानों की जमीन अधिग्रहण करके नोएडा शहर को बसाया गया है। नोएडा के अधिकतर गांव नोएडा के सेक्टरों की अगल-बगल में बसे हुए हैं। यहां के सभी किसानों को इस बात पर गर्व है कि नोएडा जैसा शानदार शहर उनकी जमीन पर बसा हुआ है। यह बात अलग है कि यहां के किसानों को नोएडा प्राधिकरण तथा उत्तर प्रदेश सरकार से यह शिकायत है कि उनकी जमीन पर बसे हुए शहर में तो सारी सुविधाएं मौजूद हैं किन्तु गांवों में सुविधाओं की कमी है।