मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने स्वत: संज्ञान लेते हुए एक जनहित याचिका पर निर्देश दिया है कि राज्य की आपराधिक अदालतें, जिन्होंने सीमित अवधि के लिए जमानत आदेश या अग्रिम जमानत दी है, जो 28 फरवरी से पहले समाप्त होने हो रही है ,वे 28 फरवरी तक की अवधि के लिए लागू रहेंगे।
अदालत ने कहा, बेदखली या तोड़फोड़ का कोई भी आदेश, जो पहले ही उच्च न्यायालय, जिला अदालत या दीवानी अदालत द्वारा पारित किया जा चुका है, अगर इस आदेश के पारित होने की तारीख तक निष्पादित नहीं किया गया है, तो वह 28 फरवरी तक स्थगित रहेगा।
अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि राज्य सरकार, नगरपालिका प्राधिकरण, अन्य स्थानीय निकाय और राज्य सरकार की एजेंसियां और संस्थाएं 28 फरवरी तक तोड़फोड़ और बेदखल करने की कार्रवाई करने में को पूरी तरह अंजाम नहीं देंगी।
इसके अलावा, कोई भी बैंक या वित्तीय संस्थान 28 फरवरी तक किसी भी संपत्ति या किसी संस्थान या व्यक्ति या पार्टी या किसी कॉपोर्रेट के संबंध में नीलामी के लिए कोई कार्रवाई नहीं करेगा।
न्यायलय ने इस जनहित याचिका पर 24 फरवरी को सुनवाई करने के लिए इसे सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया है।
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