नोएडा समाचार: दुनिया के माध्यम से मुस्कराहट फैलाएं, वर्ल्ड स्माइल डे के मौके पर छोटी खुशियों का महत्व
आज, 6 अक्टूबर को वर्ल्ड स्माइल डे मनाया जा रहा है, जो हमें याद दिलाता है कि जीवन के छोटे पलों में हंसना और मुस्कुराना कितना महत्वपूर्ण है। मशीनी जीवन में हो रही दौड़-भाग और तनाव से हम कई बार अपनी छोटी खुशियों को भूल जाते हैं, लेकिन आज हमें याद दिलाया गया है कि इन खुशियों को खोजना और उन्हें बांटना हमारे जीवन को खुशियों से भर देता है। इस दिन, हम समाज में और परिवार के साथीयों के साथ समय बिताकर हंसने और मुस्कुराने का मौका पाते हैं जिससे हमारे मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतरीन फायदा होता है। इस दिन को मनाकर हम नहीं सिर्फ अपनी मुस्कुराहट को बढ़ाते हैं बल्कि दूसरों के चेहरों पर भी मुस्कान लाते हैं, जो एक अच्छे भावना से भरा जीवन जीने में मदद करता है। यह साबित होता है कि खुशियों को बांटने से ही हमें खुशी मिलती है।
आखिर क्यों हंसना भूल गए लोग: हमारी मुस्कुराहट की खोई हुई अहमियत
यकीन के साथ हम यह नहीं बता सकते कि हम कब खुलकर हंसे थे, लेकिन हां, हममें से कुछ लोगों ने अट्टहास जरूर किया होगा। लेकिन, हम सब जानते हैं कि अट्टहास में खुशी नहीं, गुरूर का पैमाना छलकता है। यह मौजूदा दौर की कड़वी हकीकत है कि हम हंसना और मुस्कुराना भूल गए हैं। लोग अपनी सामाजिक, पारिवारिक और आर्थिक जिम्मेदारियों के बोझ तले मुस्कुराना भूल गए हैं। जिंदगी में कुछ हासिल करने की धुन ने भी हमारी भावनाओं को दबा दिया है। कुछ तो अपने काम के दबाव के चलते मुस्कुराने का वक्त नहीं पाते हैं। सच तो यही है कि हमें हंसने और मुस्कुराने का वक्त ही नहीं मिलता है। शायद यही वजह है कि मुस्कुराहट हमसे रूठ गई है।
जीवन की अनमोल धरोहर है मुस्कान: समाज की जिम्मेदारियों में भी बनाएं खुशियों का संतुलन
नोएडा के एसीपी रजनीश वर्मा कहते हैं कि एक इंसान के जीवन में समाज के प्रति रिस्पॉन्सिबिलिटी, पारिवारिक जिम्मेदारी और काम का दबाव उस पर हॉबी हो जाता है। लेकिन, अगर हम इसमें बैलेंस बनाकर रखें तो मुस्कान हमसे कभी नहीं रूठेगी। वह कहते हैं कि अपने काम के प्रति जस्टिस करने वाला व्यक्ति हमेशा खुश रहेगा। अपने काम को निष्पक्षता और जिम्मेदारी के साथ करने वाला व्यक्ति हमेशा खुश रहते हैं। खुशियां अनमोल हैं, फिर भी वह किसी बाजार या दुकानों पर नहीं मिलती हैं। खुशियों से ही होठों पर मुस्कान आती है, इसलिए जिंदगी के इस अनमोल धरोहर को यूं ही जाया न करें।
आप भी बन जाएं बच्चे जैसा, हमेशा रहेगी होठों पे मुस्कान
नोएडा की डॉक्टर मीरा पाठक कहती हैं कि खुश रहने के लिए लोगों को बच्चों की तरह सोचना होगा। एक बच्चा जब पैदा होता है, तब वह अपनी मर्जी से जब चाहे खुश हो जाता है। किसी को भी वह अपने ऊपर हावी नहीं होने देता। जो मन करता है, वह करता है। लेकिन बच्चा जब बड़ा होता है तो उस पर जिम्मेदारियां आने लगती हैं। उन जिम्मेदारियों को पूरा करने में वह अपनी मुस्कान कहीं खो देता है। कोई भी व्यक्ति अपने जीवन में बच्चे जैसा स्वभाव लाए तो शायद वह हमेशा खुश रहेगा और उसके होठों पर सदा मुस्कान रहेगी। वह कहती हैं कि आप जैसे ही कहेंगे, ‘दिल तो बच्चा है जी’, तुरंत आपके होठों पर मुस्कान तैर जाएगी।
सेहत का खजाना है आपकी मुस्कुराहट
एक रिसर्च के मुताबिक, खुश रहने वाले व्यक्ति अपने जीवन अच्छे से गुजार पाते हैं। उन्हें लंबी उम्र भी नसीब होती है। जो लोग खुश नहीं हैं, उदास और परेशान हैं। जीवन की कठिनाइयों से उबर नहीं पा रहे हैं, देखा गया है कि उनकी सेहत अच्छी नहीं रहती। जाहिर है, चिंताएं उनकी उम्र कम कर देती हैं। हमारे पूर्वज तो यही कहते थे कि चिंता चिता समान है। इसलिए खुश रहने के लिए हर जतन करना चाहिए। आज विश्व मुस्कान दिवस पर आइये, हम खुश रहने और सदा मुस्कुराने की आदत डालें। दुख और तनाव किसी भी समस्या का हल नहीं होता है। हमारी मुस्कुराहट ही हमारी सेहत का खजाना है। आइये हम इसे सहेजें और खुशियों का जश्न मनाएं।
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