गौरतलब है कि उत्तराखंड में बसपा का मजबूत जनाधार रहा है। इस बार पार्टी ने यहां की सभी 70 सीटों पर अपने बूते चुनाव लड़ने की घोषणा की है। अनुसूचित जाति ,जनजाति समुदाय और अल्पसंख्यक बसपा का मजबूत वोट बैंक रहा है। यही कारण रहा कि राज्य गठन के बाद हुए पहले विधानसभा चुनाव में बसपा, कांग्रेस व भाजपा के बाद 8 सीटें जीत कर प्रदेश में तीसरी ताकत के रूप में उभर कर सामने आई थी।