आगामी राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी कर दी है। वापसी का लक्ष्य लेकर चल रही भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को झालरपाटन से अपना उम्मीदवार चुना है, और सतीश पुनिया ‘आमेर’ से चुनाव लड़ेंगे। इसके अतिरिक्त, राजेंद्र राठौड़ तारानगर से चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं, और ज्योति मिर्धा नागौर में पार्टी की प्रतिष्ठा करेंगी। 200 सदस्यीय राजस्थान विधानसभा के लिए मतदान 25 नवंबर को होना है और नतीजे 3 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और प्रमुख भाजपा नेताओं का एक समूह, जिनमें बीएल संतोष, वसुंधरा राजे, प्रल्हाद जोशी, गजेंद्र सिंह शेखावत, कैलाश चौधरी, सतीश पूनिया, सीपी जोशी, अरुण सिंह, कुलदीप बिश्नोई और राजेंद्र राठौड़ शामिल हैं। शुक्रवार को चुनाव प्रभारी नितिन पटेल और सह प्रभारी विजया रहाटकर एक साथ बैठक करने पहुंचे।
इस बैठक का फोकस किसी आगामी कार्यक्रम या पद के लिए संभावित उम्मीदवारों पर चर्चा करना था, हालांकि प्रदान की गई जानकारी में सटीक संदर्भ निर्दिष्ट नहीं किया गया है। भाजपा का यह महत्वपूर्ण कदम आंतरिक विभाजन या असहमति के बारे में अटकलों और अफवाहों को प्रभावी ढंग से समाप्त कर देता है।
हालांकि, ध्यान देने वाली बात यह है कि उम्मीदवार चयन को लेकर अपना रुख बदलने का बीजेपी का फैसला डैमेज कंट्रोल का प्रयास प्रतीत होता है। रणनीति में यह बदलाव राजवी के बाद आया है, जिनका पूरा नाम पाठ से स्पष्ट नहीं है, उन्होंने प्रारंभिक निर्णय पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की और पार्टी के कार्यों के जवाब में अपने परिवार की विरासत या इतिहास का उल्लेख किया।
BJP releases second list of candidates for Rajasthan Assembly elections
Former CM Vasundhara Raje to contest from Jhalarpatan, Satish Punia fielded from Amber; Rajendra Rathod to contest from Taranagar; Jyoti Mirdha from Nagaur pic.twitter.com/FMzjrujZ4d
— ANI (@ANI) October 21, 2023
पार्टी ने पांच बार के विधायक को दोबारा नामांकित नहीं करने के अपने पहले के फैसले को पलटते हुए नरपत सिंह राजवी को चित्तौड़गढ़ से अपना उम्मीदवार चुना। वह पार्टी के प्रमुख नेता भैरों सिंह शेखावत के दामाद हैं। विद्याधर नगर में उनकी पिछली सीट से उन्हें मैदान में नहीं उतारने के शुरुआती फैसले से पार्टी के कुछ कार्यकर्ता नाराज हो गए, जिससे पार्टी के भीतर विरोध शुरू हो गया।