रणनीतिकारों का मानना है कि वर्चुअल रैली का विस्तार अधिक है और इसमें संसाधन भी कम लगता है। यही नहीं बड़े नेता अपने घरों से या फिर दफ्तरों से ही आम लोगों को सीधे संबोधित कर सकते हैं। सबसे बड़ा प्रभाव तो यह होता है कि लोगों को प्रतीक्षा नहीं करनी पड़ती है। आम चुनावी रैली की अपेक्षा इसमें स्थानीय लोगों की सहभागिता भी अधिक होती है। ऐसे मे विधानसभा चुनाव में यह प्रभावी भूमिका निभा सकता है।
भाजपा के आईटी सेल के संयोजक कामेश्वर मिश्रा ने बताया कि हमारी पार्टी ने कोरोना के दौरान वर्चुअल और ई प्रोग्राम करते आ रहे हैं। इस प्लेटफार्म का उपयोग राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा और कई बड़े नेता भी कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि चुनाव में इस माध्यम का प्रयोग करने के संकेत मिल रहे हैं। वर्चुअल और ई-रैली का पूरा सेटअप हमारा तैयार है। इसके लिए हमारे पास 4 हजार कार्यकतार्ओं प्रषिक्षित कार्यकतार्ओं की टीम हैं, जो मंडल स्तर तक इस संसाधन का प्रयोग बड़े आराम से कर सकते हैं।
कामेश्वर ने बताया कि वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से एक हजार लोगों को जोड़ सकते है। वेबिनार के माध्यम से करीब 50 हजार लोगों को जोड़ सकते हैं। इसके लिए पूरा सेटअप तैयार है। शक्ति केन्द्रों से दोनों तरफ के संवाद करा चुके हैं। इसलिए हमारी पास पूरी व्यवस्था है। नीचे तक पूरा कार्यकर्ता ट्रेंड है। आईटी और सोशल मीडिया के अगर मिला लेंगे तो करीब 10 हजार की पूरी प्रशिक्षित टीम है। वर्चुअल और ई रैली के लिए हमारी पूरी तैयारी हैं। उन्होंने बताया कि पार्टी के पास प्रदेश से लेकर जिले तक वर्चुअल बैठक और मल्टीपल कान्फ्रेंस के लिए इन्फ्रास्ट्रक्च र तैयार है। ई-रैली के लिए खास तरह का सॉफ्टवेयर बनाया गया है, जिससे कुछ मिनटों में ही बड़े से लेकर छोटा कार्यकर्ता एक ही प्लेटफार्म में जोड़ा जा सकता है।
पार्टी की सोशल मीडिया भी लगातार वर्चुअल अभियान को आगे बढ़ाने में लगी है। सोशल मीडिया प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक अंकित चंदेल का कहना है कि सोशल मीडिया के चारो प्लेटफार्म पर पार्टी की सक्रियता है। ट्वीटर पर हमारे 29 लाख 30 हजार 669 फलोअर है, जबकि फेसबुक में 48 लाख 36 हजार 395 फलोअर हैं। इसी प्रकार इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप का भी अपना अलग प्रयोग है।उन्होंने बताया कि सभी संसाधनों का प्रयोग अलग-अलग रैलियों को लाइव कराने में किया जाता हैं। वर्चुअल रैलियों को आगे बढ़ाने में काम किया जा रहा है। वर्तमान में सरकार की उपलब्धियों को बताया जा रहा है। पार्टियों के प्रचार में सोशल मीडिया का भरपूर उपयोग हो रहा है।
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