राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार असीम अरूण को दी गई जनपद गाजियाबाद
के प्रभारी मंत्री की जिम्मेदारी
गाजियाबाद (करंट क्राइम)। भाजपा अभी से निकाय चुनावों की तैयारी में जुटी है। लखनऊ वाली बैठक में तैयारी के निर्देश मिले थे और अब निकाय चुनावों को लेकर प्रभारी मंत्री की जिम्मेदारी भी दे दी गई है। पूर्व आईपीएस तथा उत्तर प्रदेश के राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार असीम अरूण को नगर निकाय चुनाव में गाजियाबाद जिले से प्रभारी मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
अरूण असीम कन्नौज की सदर सीट से विधायक है। वह 1994 बैच के आईपीएस रहे हैं और वर्ष 2022 विधानसभा के विधायक के रूप में अपनी सियासी पारी शुरू की है। जीवन में पहला चुनाव लड़े है और पहले चुनाव में ही उन्होंने भाजपा के टिकट पर जीत हासिल की। पहली बार विधानसभा का चुनाव जीतने वाले असीम अरूण को उत्तर प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार बनाया गया है। चुनावों से जुड़ी सबसे अहम जिम्मेदारी उन्हें गाजियाबाद के प्रभारी मंत्री के रूप में मिली है।
गाजियाबाद को भगवा गढ़ कहा जाता है और निकाय चुनावों से पहले मुख्यमंत्री ने उन पर भरोसा जताया है और उन्हें गाजियाबाद का प्रभारी मंत्री बनाया है।
गाजियाबाद की सामाजिक
और राजनीतिक नब्ज को जानते है असीम अरूण
वर्ष 2022 में अपनी सियासी पारी शुरू करने वाले असीम अरूण प्रभारी मंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे है और गाजियाबाद जिले से उनका पुलिस अधिकारी के रूप में नाता रहा है। वह वर्ष 2001-02 में पीएसी की बटालियन में कमांडेट रहे हैं। अलीगढ़ और हाथरस के साथ मेरठ में भी तैनात रहे है। गाजियाबाद की सामाजिक और राजनीतिक नब्ज को समझते है।
नगर निकाय चुनाव में बम्पर जीत की बड़ी जिम्मेदारी
असीम अरूण गाजियाबाद के प्रभारी मंत्री बने है और नगर निकाय चुनाव में भाजपा को बम्पर जीत दिलाना उनके सामने बड़ी जिम्मेदारी है। हालांकि यहां नगर निगम की मेयर सीट पर भाजपा का शुरू से कब्जा रहा है। निगम के 100 वार्डों में भाजपा अभी भी 60 से ज्यादा सीटों पर काबिज है। वहीं नगर पालिका परिषद में चेयरमैन पद पर भाजपा के ही चेहरे है। लेकिन बदलते हालात में लोनी, खोड़ा, मुरादनगर और मोदीनगर में भाजपा को संघर्ष करना है। प्रभारी मंत्री के तौर पर असीम अरूण को यहां अपनी रणनीति से भाजपा को केवल जीत नहीं बल्कि एक एतिहासिक जीत दिलानी है।