लंदन । ब्रिटेन यूक्रेन को सैन्य सहायता और आर्थिक सहायता के पैकेज देने की तैयारी कर रहा है। ऐसा इस देश पर रूस के हमले के बढ़ते खतरे के बीच किया जा रहा है। इस बात की जानकारी ब्रिटिश सरकार के प्रवक्ता ने दी है। प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन इस हफ्ते के आखिर में रूस के साथ गतिरोध को समाप्त करने और यूक्रेन के प्रति समर्थन जताने के लिए यूरोप की यात्रा पर जाने वाले हैं। हालांकि इस संबंध में अभी कोई जानकारी नहीं मिल सकी है कि जॉनसन कौन से देश जाएंगे। उनके कार्यालय की तरफ से कहा गया है कि वह नॉर्डिक और बाल्टिक देशों के साथ और जुड़ना चाहते हैं। प्रवक्ता ने कहा कि यूक्रेन सीमा का संकट अब नाजुक मोड़ पर पहुंच गया है। हमें जो भी जानकारी मिली है, उससे पता चलता है कि रूस किसी भी दिन यूक्रेन पर हमला करने की योजना बना रहा है। अमेरिका और ब्रिटेन का कहना है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन चीन में आयोजित हो रहे विंटर ओलंपिक के 20 फरवरी को खत्म होने से पहले कभी भी यूक्रेन पर कब्जे का आदेश दे सकते हैं। यह कई दशकों में यूरोप का सबसे बड़ा सुरक्षा संकट होगा। रूस ने यूक्रेन सीमा पर अपने 100,000 से अधिक सैनिकों की तैनाती की है और उसने देश पर हमला करने की खबरों को भी खारिज कर दिया है।
रूस का कहना है कि पश्चिमी देश अपनी खुद की उकसाने वाली गतिविधियों को छिपाने के लिए झूठ फैला रहे हैं। वहीं ब्रिटिश सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि जॉनसन यूक्रेन को मदद देने वाले सहायक पैकेज के लिए सहयोगियों के साथ काम कर रहे हैं। आने वाले दिनों में इसे लेकर घोषणा कर दी जाएगी। ब्रिटेन यूक्रेन को टैंक रोधी हथियारों और प्रशिक्षण कर्मियों की आपूर्ति भी करता रहा है। प्रवक्ता ने कहा कि डी-एस्केलेशन और कूटनीति के लिए अभी भी अवसर की एक खिड़की खुली है और प्रधानमंत्री रूस को पीछे हटाने के लिए हमारे सहयोगियों के साथ कोशिश करना जारी रखेंगे। ब्रिटेन यूक्रेन को ऐसे वक्त पर समर्थन दे रहा है, जब प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन खुद घरेलू राजनीतिक संकट में फंसे हुए हैं। पुलिस उनके डाउनिंग स्ट्रीट कार्यालय और आवास पर लॉकडाउन पार्टियों की जांच कर रही है। पुलिस उनसे पूछताछ भी कर रही है। लॉकडाउन नियम तोड़ने के आरोपों ने जॉनसन के अधिकार को कम कर दिया है और उनकी सत्तारूढ़ कंजरवेटिव पार्टी के कुछ सांसदों के साथ-साथ विपक्षी नेताओं ने उन्हें इस्तीफा देने के लिए कहा है।
खालिस्तानी दवाब में ट्रूडो का यू-टर्न
टोरंटो। कनाडा का खुफिया विभाग 2021 तक खालिस्तानी गतिविधियों पर लगातार नजर रखता था। हालात तब बदले जब सितंबर 2021...
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