दिल्ली: दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़े एक करोड़पति चोर मनोज चौबे की सम्पत्ति और रिकॉर्ड सुन दिल्ली पुलिस भी हैरान रह गयी। यह चोर न सिर्फ एक होटल का मालिक है, बल्कि महीने का लाखों का किराया भी सम्पत्ति से पाता है जो इसने चोरी के पैसो से बनाई है। ये शातिर चोर यूपी से आकर दिल्ली में चोरी की घटनाओ को अंजाम देता था। पूछताछ में अब तक 200 से ज्यादा चोरी की वारदातों को करने का कुबूल कर चुका है।
मॉडल टाउन पुलिस ने इसे करावल नगर से गिरफ्तार कर पूछताछ की तो इसकी चोरियों की सूची देखकर दिल्ली पुलिस भी हैरान रह गयी । आरोपी अकेला ही चोरी की वारदात को अंजाम देता था और करीब 25 साल से परिवार से छिपाकर दोहरी जिंदगी जी रहा था। मनोज ने दो शादियां कर रखी थी, पहली पत्नी और बच्चे लखनऊ में रहते हैं जबकि दूसरी पत्नी दिल्ली में है। दोनों को इसके बारे में नहीं पता था।
मूल रूप से मनोज और उसका परिवार यूपी के सिद्धार्थ नगर जिले में रहता था। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि 48 वर्षीय मनोज चौबे का 1997 में दिल्ली आया और कीर्ति नगर थाने में कैंटीन चलाने लगा। कैंटीन में चोरी पकड़े जाने पर जेल गया और जेल से छूटने के बाद वह घरों और कोठियों पर हाथ साफ़ करने लगा। बड़ा हाथ मारने के बाद वो वापस गांव लौट जाता था।
चोरी करते टाइम मनोज 9 बार पकड़ा गया लेकिन हर बार अलग नाम से गिरफ्तार हुआ जिससे उसके परिवार का पता नहीं लगा। शुरुआत में वो दिल्ली में किराए के मकान में रहकर चोरियों को अंजाम देता था। मनोज पहले इलाके की रेकी करता था और फिर बंद कोठियों एवं फ्लैट में चोरी की वारदात को अंजाम देता था। बाद में वो मॉडल टाउन, रोहिणी, अशोक विहार और पीतमपुरा आदि इलाकों को निशाना बनाने लगा।
चोरी कर-कर के ही उसने करोड़ों की संपत्ति बनाई। वारदात करने के बाद वह वापस बीवी-बच्चों के पास लौट जाता था। इतना ही नहीं चोरी की रकम से मनोज ने नेपाल में होटल बनवाया। यूपी के सिंचाई विभाग में कार्यरत एक अधिकारी की बेटी से शादी करते टाइम बताया की दिल्ली में वो पार्किग का ठेका लेता है। इसलिए उसे साल में छह से आठ माह दिल्ली में रहना पड़ता है।
उसने सिद्धार्थ नगर में एक गेस्ट हाउस भी बनवाया और अपनी जमीन एक अस्पताल को लीज पर दी थी जिसके एवज में उसे दो लाख रुपये प्रति माह किराया मिलता था। उसने परिवार के लिए लखनऊ में भी मकान बनवाया।
परिवार को उसके चोरी के बारे में कुछ नहीं पता है। उसके बच्चे लखनऊ के प्रतिष्ठित स्कूल में पढ़ाई कर रहे हैं। पुलिस ने आरोपी के परिजनों को उसकी आपराधिक पृष्ठभूमि के बारे में बताया। परिजनों को पहले विश्वास नहीं हुआ, लेकिन बाद में उसने अपना जुर्म सबके सामने स्वीकार किया।