दिल्ली हाई कोर्ट ने ट्यूसडे को अरविंगड केजरीवाल की प्ली को रिजेक्ट करते हुए जो की अरेस्ट के खिलाफ दिल्ली एक्साइज के अंतरगर्त और कहा की जोह मटेरियल इक्खटे किये गए है एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट के द्वारा वो यह बतलाते है की उन्होंने साजिश की है दुसरो के साथ और वो शामिल थे पर्सनल क्षमता में और तो और कन्वेनर थे वोह आम आदमी पार्टी के
कोर्ट ने कहा की एड के पास सबूत हे की जोह काफी है अरविन्द केजरीवाल को गिरफ्त में रखने क लिए कोंस्पिरेशन के केस में |
कोर्ट ने केजरीवाल के ऑब्जेक्शन को एड के ऊपर उसको भी रिजेक्ट कर दिया है अप्प्रोवेर स्टेटमेंट का इस्तेमाल करके उसके ही खिलाफ और यह भी कहा की पार्डन ग्रांट करना अप्प्रोवबले नहीं है एड के डोमेन क्युकी यह जुडिशल प्रोसेस ह। अगर आप एस्पिरशन कास्ट करते है पार्डन के प्रोसेस के ऊपर तो यह एस्पिरशन कास्ट करना है जज के ऊपर।
केजरीवाल का सवाल की उनकी पूछताछ वीडियो कांफ्रेंस के जरिये उसको भी ठुकरा दिया गया था कोर्ट के द्वारा। यह कहते हुआ की यह ाक्सुसेड का हक़ नहीं है की वो फैसला ले की इंविस्टिगेशन कैसे हो और कैसे नहीं।
यह ेकुसेङ के सुविधा के हिसाब से नहीं होगा कोर्ट दो सेट ऑफ़ लॉज़ नहीं सेट करेगा एक आम लोगो के लिए और एक पब्लिक सर्वेन्ट्स के लिए।
कोर्ट ने सख्त मना कर दिया ह केजरीवाल की आर्ग्यूमेंट्स पर कोई टिप्पिणि नहीं देना चाहते की उनको गलत वक़्त पर अरेस्ट किया गया है और यह भी कहा है की सही से जांच करेंगे नाह की यह सोचते हुआ की उनको इलेक्शन के समय अरेस्ट किया गया है और इसमें कोर्ट का कोई दोष नहीं है की उन्होंने केजरीवाल को इलेक्शन के चलते अरेस्ट करना पड़ा इसमें कोर्ट जवाब देहि नहीं है।
केजरीवाल को 21 मार्च को अरेस्ट किया गया था जब हाई कोर्ट ने उनकी प्रोटेक्शन को मना कर दिया था एड से शुरुवात में उनको कस्टड में रखा एड के अंदर और १ अप्रैल को उनको भेज दिया गया जेल मे।