दिल्ली के निजी स्कूलों में डोनेशन के नाम पर वसूली करने वाले स्कूलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए शिक्षा निदेशालय ने सभी स्कूलों को यह निर्देश दिया है कि जब भी कोई शिकायत मिलती है, तो स्कूल प्रबंधन पर त्वरित जांच की जाएगी। जांच के परिणाम के आधार पर, स्कूल प्रबंधन को कैपिटेशन फीस का 10 गुना जुर्माना अदा करना होगा। निदेशालय ने स्पष्ट किया है कि स्कूलों को नियमों का पूरी तरह से पालन करना होगा और छात्रों का दाखिला सुरक्षित और सुचारू रूप से होना चाहिए।
Delhi Nursery Admission: शिक्षा निदेशालय ने सभी स्कूलों को एक स्पष्ट संदेश दिया है कि दाखिले के नाम पर डोनेशन वसूलने वाले स्कूलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस संदर्भ में, शिक्षा निदेशालय ने सभी स्कूलों को निर्देश दिया है कि यदि किसी भी स्कूल से इस तरह की शिकायत मिलती है, तो संबंधित स्कूल प्रबंधन पर त्वरित जांच की जाएगी। जांच साबित होने पर, स्कूल प्रबंधन को कैपिटेशन फीस का 10 गुना जुर्माना देना होगा। शिक्षा निदेशालय ने यह भी सुनिश्चित किया है कि स्कूलों को सभी नियमों का पूरी तरह से पालन करना होगा और छात्रों का दाखिला सुरक्षित और सुचारू रूप से होना चाहिए। इसके लिए छात्रों के अभिभावकों को शिकायत दर्ज करने के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड़ से सुविधा प्रदान की गई है।
ऑनलाइन माध्यम से शिकायत करने के लिए अभिभावकों को निदेशालय की वेबसाइट edudel.nic.in पर जाकर ”ग्रीवांस रिड्रेसल सेल और मॉनिटरिंग सिस्टम” हेड पर क्लिक करना होगा। अभिभावक यहां से दाखिला संबंधित किसी भी प्रकार की समस्या की शिकायत को पोर्टल पर दर्ज कर सकते हैं। वहीं, ऑफलाइन माध्यम से शिकायत करने के लिए उन्हें अपने जिले के डीडीई ऑफिस जाकर शिकायत करनी होगी।
200 से अधिक स्कूलों ने मानदंड जारी नहीं किए हैं।
नर्सरी दाखिले प्रक्रिया को एक हफ्ता होने वाला है, और इस समय में 1731 निजी स्कूलों में से 220 स्कूलों ने अब तक मानदंड जारी नहीं किए हैं। निदेशालय ने शुक्रवार तक सभी स्कूलों को वेबसाइट पर जाकर मानदंड जारी करने के लिए कहा था, लेकिन कई स्कूलों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। इस पर निदेशालय ने अपनी नाराजगी जताई है और घोषणा की है कि उनके यहां नर्सरी दाखिला प्रक्रिया को रोका जाएगा। अधिकांश स्कूल ने अपने-अपने दाखिला मानदंड तय कर लिए हैं, जिसमें नेबरहुड को सबसे ज्यादा प्राथमिकता दी गई है।