न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने जिन आरोपियों को जमानत दी, उनमें मो. ताहिर, शाहरुख, मो. फैजल, मो. शोएब, राशिद और परवेज शामिल हैं, जिनपर इस महीने की शुरुआत में फैसला सुरक्षित रख लिया गया था।
मामला दिलबर नेगी की मौत से जुड़ा है, जो अनिल मिठाई की दुकान पर काम करता था और वह लंच और आराम करने के लिए गोदाम गया था। 25 फरवरी की देर रात तक उसका पता नहीं चल सका था।
26 फरवरी, 2020 की दोपहर में थाना गोकुलपुरी की स्थानीय पुलिस को अनिल स्वीट्स के गोदाम में एक पुरुष के शव की जानकारी हुई। शव जली हालत में मिला था और बाद में उसकी पहचान दिलबर नेगी के रूप में हुई। वह अपनी मृत्यु के छह महीने पहले उत्तराखंड से राजधानी शहर आया था।
पुलिस के अनुसार, दंगा करने वाली भीड़ ने उक्त दुकान, एक किताब की दुकान, डीआरपी स्कूल और अनिल स्वीट्स के गोदाम समेत हिंदुओं की संपत्तियों को आग के हवाले कर दिया और वही दंगाइयों की भीड़ देर रात तक सक्रिय रही।
प्रारंभ में, 2020 में मामले में 12 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई थी।
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