Ghaziabad: मोदीनगर क्षेत्र के सिखैड़ा रोड पर स्थित एक फैक्ट्री में हुए एक मामले में मेरठ मंडलायुक्त सेल्वा कुमारी जे. के निर्देश पर की गई सील हटाई गई है। फैक्ट्री के मालिक यशवीर यादव ने वीडियो के माध्यम से उत्पीड़न का आरोप लगाया था, और इस पर मंडलायुक्त ने सील हटाने के निर्देश दिए थे। इस मामले में उज्ज्वलता बढ़ाने के लिए लघु उद्योग भारती की मदद की गई और मंडलायुक्त से सील हटाने का आग्रह किया गया।
क्या बोले मालिक?
सील हटाई गई फैक्ट्री के मालिक यशवीर यादव ने बताया कि उनके ऊपर बिजली का बिल और अन्य खर्च बोझिल थे, और उसने इस मुद्दे का समाधान प्राप्त करने के लिए आगे बढ़ने की कोशिशें की थीं। इसके परिणामस्वरूप, सील हटाने के बाद फैक्ट्री को फिर से सकारात्मक रूप से संचालित करने का मौका मिला है।
बिना नोटिस के कर दिया सील
मोदीनगर के तहसीलदार ने सीधे किसान से ज़मीन खरीदने के बिना नोटिस दिए ही फैक्ट्री को सील कर दिया था, जिस पर उद्यमी ने प्रशासन की ओर से आपत्ति जाहिर की थी। इस मुद्दे में लघु उद्योग भारती की भूमिका महत्वपूर्ण थी, क्योंकि उन्होंने उद्यमी को समर्थन दिया और सील हटाने के लिए प्रशासन से मुद्दा उठाने में मदद की। संगठन के मोदीनगर इकाई के अध्यक्ष सत्येंद्र गौतम ने यशवीर यादव की मदद करते हुए कहा कि उनका मामला उचित रूप से अधिकारियों द्वारा सुना जाएगा और सील हटाने का आदेश दिया जाएगा।
मेरठ मंडलायुक्त सेल्वा कुमारी जे. ने भी इस मामले में स्वयं सक्रिय रूप से हस्तक्षेप किया और मंडलायुक्त से सील हटाने के निर्देश दिए, जिससे उद्यमी को न्याय मिल सके। उन्होंने संबंधित अधिकारियों से विवरण मांगते हुए उद्यमी की समस्या को ठीक करने का सर्वोत्तम तरीका तय किया है।
इस सारे मुद्दे ने दिखाया है कि सरकार स्थानीय उद्यमियों को समर्थन और न्याय प्रदान करने के लिए सकारात्मक रूप से कदम उठा रही है, जिससे व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय अर्थतंत्र को मजबूती मिलेगी। इस घटना से उज्जवल हुआ है कि सरकार सकारात्मक तरीके से उद्यमियों के साथ संवेदनशीलता और सहानुभूति बनाए रखने का प्रयास कर रही है, ताकि उन्हें न्याय मिल सके और उनकी व्यवसायिक गतिविधियों को किसी भी अनिच्छुक सील की चुनौती से निपटने में सहायता मिले।
इस प्रकार, सिखैड़ा रोड पर हुई इस घटना ने न सिर्फ एक व्यापारिक संघर्ष को सुलझाया है, बल्कि स्थानीय उद्यमियों को भी सरकारी समर्थन की उम्मीद दिखाई है। इससे आगे बढ़कर, सरकार को अपनी नीतियों में और सुधार करने का भी मौका मिल सकता है, ताकि स्थानीय उद्यमियों को और भी बेहतर समर्थन प्रदान किया जा सके और वह अपनी गतिविधियों को समर्थनपूर्ण रूप से चला सकें।