रामलीला में लगाई गई अग्निशमन की गाड़ियां
दुर्गा पूजा स्थलों पर किया गया निरीक्षण
गाजियाबाद, करंट क्राइम। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते दिनों उत्तर प्रदेश के पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक की थी। जिसमें उन्होंने आगामी त्यौहारी सीजन को देखते हुए दिशा-निर्देश दिए थे। इसका असर अब ग्राउंड लेवल पर नजर आने लगा है। रविवार को जहां गाजियाबाद के मुख्य अग्निशमन अधिकारी राहुल पाल वसुंधरा, वैशाली और इंदिरापुरम में होने वाली दुर्गा पूजा के पंडालों और कार्यक्रम स्थलों पर पहुंचे। वहां उन्होंने आग से बचाव के इंतेजामत का निरीक्षण किया, तो वहीं आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए। इसी के साथ शहर में शुरू हो चुकी रामलीलाओं में अब थाना प्रभारी से लेकर एसीपी और मेला प्रभारी ने पैदल गश्त और चेकिंग अभियान शुरू कर दिया है। दरअसल बीते दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगामी त्यौहारी सीजन को लेकर अधिकारियों को अलर्ट रहने और फील्ड पर उतरकर हालात संभालने का निर्देश दिया था।
मनचलों पर रखी जा रही है नजर
करंट क्राइम। एसीपी कवि नगर अभिषेक श्रीवास्तव ने जानकारी दी है कि कवि नगर सर्किल में कई स्थानों पर रामलीला हो रही है। थाना प्रभारी और मेला प्रभारी के साथ ही चौकी प्रभारी और अतिरिक्त पुलिस बल को लेकर मेलों में मनचलों पर नजर रखने के साथ ही शरारती तत्वों पर भी निगरानी रखने का काम हो रहा है। प्रतिदिन मेला शुरू होने से लेकर समाप्त होने तक पुलिस मेला स्थल पर पैदल गश्त करती है। वहीं संदिग्ध नजर आने वाले लोगों से पूछताछ और उनकी तलाशी भी ली जा रही है।
ना होने पाए इन बतों की लापरवाही
पंडाल के निर्माण में सिंथेटिक एवं ज्वलनशील सामग्री का प्रयोग ना करें।
पंडाल को दीवार अथवा बाउंड्री वॉल से सटाकर ना बनाएं।
पंडाल के बाहर निकालने के रास्ते को बाधित न करें।
पंडाल के बाहर निकलने का रास्ता मेहराबदार ना बनाएं।
बिजली के जोड़ों एवं बिजली के तारों को किसी भी दशा में खुला ना छोड़े।
बिजली की लाइन के नीचे किसी भी दशा में पंडाल ना लगाए।
पंडाल से सटाकर हैलोजन लाइट ना रखें ।
बिजली की वायरिंग पंडाल से सटाकर ना करें।
आग से न मचे हाहाकार, इसलिए इन बातों पर दें ध्यान
पंडाल के चारों तरफ कम से कम 4.5 मीटर खुला स्थान किसी भी आपात स्थिति के लिए आवश्यक छोड़ें।
पंडाल की ऊंचाई 3 मीटर से अधिक रखें।
पंडाल के बाहर निकालने के लिए रास्ता 5 मीटर से कम चौड़ा ना रखें।
पंडाल से बाहर निकालने के लिए कम से कम दो रास्ते एक दूसरे के विपरीत बनाएं।
पंडाल में कुर्सियों की व्यवस्था होने पर कुर्सियों को चार-चार के समूह में नीचे से बांधकर जमीन में कील गाढ़कर उससे बांध दें।
बिजली की व्यवस्था लाइसेंस धारी ठेकेदारों से ही कराएं।
बिजली के तारों को पोर्सलिन कनेक्टर के माध्यम से जोड़ें।
इमरजेंसी लाइट की व्यवस्था अवश्य करें।
पंडाल की अग्नि सुरक्षा हेतु .75 लीटर पानी प्रति वर्ग मीटर स्थान हेतु ड्रम या बाल्टी में रखें।