Ghaziabad: आयुष्मान कार्ड बनाने के नाम पर घूस लेने के मामले का मामूला जानकारी के रूप में सामने आया है। यह घटना गाजियाबाद के महाराजपुर क्षेत्र में स्थित सरकारी डिस्पेंसरी के पास हुई है, जहां लोगों से अवैध तरीके से पैसे वसूले जा रहे थे। इस घटना के बारे में जानकारी मिलते ही, स्वास्थ्य विभाग ने उस कर्मचारी को तुरंत नौकरी से बाहर किया है।
पूरा मामला
महाराजपुर सरकारी डिस्पेंसरी में आयुष्मान कार्ड बनाने के बहाने से लोगों से पैसे लेने का मामूला सामने आया था। इसके दौरान, कई लोगों ने यह आरोप लगाया कि उनसे आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए रजिस्ट्रेशन के नाम पर पैसे लिए गए हैं। इस मामले को सीधे स्वास्थ्य विभाग ने सुना लिया और सख्त कार्रवाई करने का निर्णय लिया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी गाजियाबाद, भवतोष शंखधर ने इस मामले को सीधे स्वास्थ्य विभाग के स्तर पर उठाया और उन्होंने दयानंद ओझा जैसे कर्मचारी की सेवा समाप्त करने के लिए सरकार को पत्र लिखा है। इस पत्र में कहा गया है कि दयानंद ओझा चतुर्थ श्रेणी के सपोर्ट स्टाफ के रूप में काम कर रहे हैं और वह यूपीएचसी महाराजपुर 2 गाजियाबाद में तैनात हैं।
शिकायत मिली है कि उन्होंने आयुष्मान भव: कार्यक्रम के तहत आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए रिश्वत ली है, जिससे वह स्वास्थ्य विभाग की छवि को धूमिल कर रहे हैं।
इस मामले में, प्रबंधक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तर प्रदेश लखनऊ को सेवा समाप्त करने के लिए सही कदम उठाने की मांग कर रहे हैं। उनके अनुसार, इस घटना के कारण स्वास्थ्य विभाग की छवि पर प्रशंसा की बजाय नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है, और इसलिए दयानंद ओझा की सेवा समाप्त करने के लिए कदम उठाया जा रहा है।
आयुष्मान कार्ड बनाने के मामले में घूस लेना एक गंभीर अपराध है, और यह समाज के स्वास्थ्य और विश्वास को धोखा देने की कोशिश करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जरूरत है। स्वास्थय विभाग के द्वारा इस मामले को सीधे संज्ञान लेकर कार्रवाई की जाने के बाद, लोग अब यह उम्मीद कर सकते हैं कि इस तरह के अपराधों का निष्कर्षण होगा और सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने का कदम बढ़ावा मिलेगा।