डिजिटल हाईवे की परिकल्पना को साकार रूप देने के लिए बड़ी योजना तैयार की है। इस योजना के अनुसार राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण यानी 10,000 किलोमीटर के डिजिटल हाईवे तैयार करेगा। एनएचएआई की अधीनस्थ नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट लिमिटेड (एनएचएलएमएल) के जरिये राजगार्गों के किनारे आॅप्टिक फाइबर केबल (ओएफसी) का 10,000 किलोमीटर लंबा नेटवर्क तैयार किया जाएगा। इसकी शुरूआत 1,367 किमी लंबे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे और 512 किली लंबे हैदराबाद-बेंगलुरु कॉरिडोर से की जाएगी। मंत्रालय की तरफ से जारी वक्तव्य में कहा गया है कि देशभर के दूर-दराज के इलाकों में इंटरनेट कनेक्टिविटी मुहैया कराने के साथ ओएफसी नेटवर्क 5जी और 6जी जैसी नई पीढ़ी की दूरसंचार प्रौद्योगिकियों तेजी से पूरे देश में मुहैया होगी।
इन दो एक्सप्रेस वे पर होगा परीक्षण
एनएचएआई का पूर्ण स्वामित्व वाला एसपीवी राष्ट्रीय राजमार्ग रसद प्रबंधन लिमिटेड (एनएचएलएमएल) ओएफसी ढांचा तैयार करने के लिए राष्ट्रीय राजमार्गों के साथ एकीकृत उपयोग गलियारे विकसित करते हुए डिजिटल राजमार्ग का निर्माण करेगी। परीक्षण के तौर पर डिजिटल राजमार्ग विकास के लिए दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर लगभग 1,367 किलोमीटर और हैदराबाद-बेंगलुरु कॉरीडोर पर 512 किलोमीटर को चिह्नित किया गया है।
बनाया गया है विशेष गलियारा
आधुनिक दूरसंचार प्रौद्योगिकियों को चालू करने के लिए तेजी लाने में यह हाईवे बेहद मददगार साबित होगा।
हाल ही में शुरू किए गए दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के किनारे आॅप्टिकल फाइबर केबल बिछाने के लिए उपयोग किया जाने वाला तीन मीटर चौड़ा गलियारा बनाया गया है। यह इस क्षेत्र में 5जी नेटवर्क की शुरूआत के लिए आधार के रूप में काम करेगा। राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे ओएफसी बिछाने का काम शुरू हो गया है और इसे लगभग एक साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
अहम भूमिका अदा करेगा डिजिटल राजमार्ग
मंत्रालय स्मार्ट और डिजिटल राजमार्ग बनाने के लिए भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के साथ मिलकर काम कर रहा है। इसके तहत राष्ट्रीय राजमार्गों के साथ डार्क-फाइबर कनेक्टिविटी प्रदान करके सीधे प्लग की अनुमति दी जाएगी। इसके जरिए स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, बैंकिंग जैसे क्षेत्रों से संबंधित सेवाओं की आपूर्ति में सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग होगा। साथ ही किसान और अन्य सेवाधारक इन सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे। इसके जरिए ना केवल बुनियादी ढांचे का विकास होगा बल्कि सुरक्षा और बदलाव में भी यह अहम भूमिका अदा करेगा।
कैसे होगा सफर
डिजिटल हाईवे अन्य राजमार्गों से थोड़ा अलग होगा। दूर दराज इलाकों में सफर के दौरान आपको नेटवर्क की चुनौतियों का सामना नहीं करना पड़ेगा। वाई-फाई व्यवस्था, जीपीएस सिस्टम अच्छी तरह से काम करेंगे। कार में सफर के दौरान इंटरनेट सेवाओं की गति बेहद तेज होगी। वहीं वाहनों के दुर्घटनाग्रस्त होने की स्थिति में आधुनिक तकनीक से तेजी से मदद पहुंचाई जा सकेगी।
6 जी को फैलाने में करेगा मदद
भले ही अभी आम लोग 4 जी और 5- जी नेटवर्क को लेकर तमाम शिकायत कर रहे हों, लेकिन देश ने 6 जी की तैयारी शुरू कर दी है। ऐसे में शहर से लेकर गांव तक इस आधुनिक तकनीक का तेजी से विस्तार करने में डिजिटल हाईवे बड़ी भूमिका निभाएगा, क्योंकि इस हाईवे के किनारे आॅप्टिकल फाइबर केबल बिछी होगी। इसे तत्काल 5 जी से 6 जी में परिवर्तित किया जा सकेगा।