31 जुलाई को हरियाणा के मेवात में हिंसा का दर्दनाक दृश्य देखा गया था, जिसमें हिंसा नूंह से गुरुग्राम तक फैल गई थी। इस हिंसा में जमकर पथराव और आगजनी हुई थी, और पुलिस थानों पर हमला किया गया था। इस हिंसा में 2 होमगार्ड समेत 6 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी।
मेवात में हर साल 31 जुलाई को बृजयात्रा पर पथराव के बाद हिंसा का आलम होता है, लेकिन इस बार का मामला बेहद गंभीर था। हरियाणा सरकार ने दावा किया कि नूंह हिंसा के बाद दर्ज केस में मामन खान को भी आरोपी बनाया गया है, और उनके खिलाफ पुलिस के पास फोन कॉल रिकॉर्ड और तमाम सबूत हैं।
मामन खान ने अपनी याचिका में कहा कि उन्हें इस मामले में फंसाया जा रहा है, जबकि वे हिंसा के दिन नूंह में नहीं थे। हालांकि, हरियाणा सरकार ने कोर्ट में बताया कि सबूत मामन खान के दावे के खिलाफ हैं और उनके खिलाफ कई सबूत प्रस्तुत किए हैं, जैसे कि कॉल डिटेल रिकॉर्ड, फोन टावर के माध्यम से ट्रैक की गई लोकेशन, विधायक के निजी सुरक्षा अधिकारी के बयान, और अन्य सबूत।
इस मामले में आरोपी तौफीक ने भी मामन खान का नाम लिया है, और उनको 9 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था। हारियाणा सरकार ने कोर्ट को बताया कि इस मामले की जांच निष्पक्ष तरीके से की जा रही है और प्राथमिकी के 52 आरोपियों में से 42 को गिरफ्तार किया गया है।
इस हिंसा का दर्दनाक नतीजा था, और इसमें दोनों समुदायों के बीच हिंसा और दंगे की आग फैल गई थी। पथराव, आगजनी, और वाहनों को आग लगाने के दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं के बाद, हिंसा नूंह से फरीदाबाद-गुरुग्राम तक फैल गई, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई थी।
इस मामले में न्याय के लिए सभी प्रतिबंधों के साथ सामीकरण और निष्पक्ष जांच की जरूरत है, ताकि दोनों पक्षों के आरोपी को न्याय मिल सके।
आगामी सुनवाई 19 अक्टूबर को होगी, और मामले की गहरी जांच की जाएगी।