चुनावों के दौर में राजनीतिक मेनिफेस्टो जारी होते हैं । किसी मेनीफेस्टाें में रेड लाइट एरिया से जुड़े लोगों के उत्थान या उनके जीवन को बदलने की दिशा में भी पहल की जाएगी… इसका वर्षाें से इंतजार था और रहेगा…
रेडलाइट एरिया में जीवन यापन करने वालों का दर्द अनइकी और सामाजिक विभाजन की एक अभिव्यक्ति है। यहां काम करने वाले लोगों को सामाजिक स्थिति में निचले दर्जे का माना जाता है, और उन्हें समाज की नकारात्मक दृष्टि का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा, रेडलाइट एरिया में काम करने वाले लोग अक्सर मानसिक, शारीरिक, और आर्थिक दुःख का सामना करते हैं।
यहां काम करने वाले लोगों को सामाजिक स्वीकृति की कमी महसूस होती है, जिससे उनका आत्मविश्वास कम हो सकता है और वे अलग-अलग रूपों में अपमानित महसूस कर सकते हैं। इसके साथ ही, यहां काम करने वालों को अक्सर शारीरिक सुरक्षा की समस्याएं भी हो सकती हैं, क्योंकि ये इलाके अक्सर असुरक्षित होते हैं और अपराध की चपेट में आ सकते हैं।
आर्थिक दुःख भी इस समुदाय के लोगों के लिए एक मुख्य मुद्दा होता है। अक्सर इन लोगों को न्यूनतम वेतन और अनियमित आय मिलती है, जिससे उन्हें अपने और अपने परिवार की आर्थिक जरूरतों को पूरा करने में समस्या हो सकती है।
इसके अलावा, रेडलाइट एरिया में काम करने वालों को सामाजिक और मानसिक समर्थन की कमी महसूस हो सकती है, जिससे उन्हें अकेलापन और अवसाद की समस्याएं हो सकती हैं।
इन सभी परिस्थितियों के कारण, रेडलाइट एरिया में जीवन यापन करने वालों का दर्द गहरा और अच्छी तरह से समझा जाता है।
कुछ बदनाम गलियां :
जीबी रोड, दिल्ली:
दिल्ली का जीबी रोड बड़ा रेडलाइट एरिया है। यहाँ पर नेपाल और बांग्लादेश से भी लड़कियों को वेश्यावृत्ति के लिए लाया जाता है।
सोनागाछी, कोलकाता:
कोलकाता के सोनागाछी इलाके को वेश्यावृत्ति के लिए बदनाम जाना जाता है। यहाँ पर 10 हजार से अधिक महिलाएं देह व्यापार करती हैं। कुछ महिलाओं को तो लाइसेंस भी मिल गया है। यहाँ की आयु 18 से 35 साल के बीच की महिलाएं होती हैं जो जिस्मफरोशी में शामिल हैं।
कमाठीपुरा, मुंबई:
कमाठीपुरा ग्लोबली जिस्मफरोशी के लिए बदनाम है। यहाँ पर एशिया का सबसे पुराना रेडलाइट इलाका है। यहाँ पर बाहर से आई महिलाएं वेश्यावृत्ति का काम करती हैं और धीरे-धीरे यहाँ एक रेडलाइट एरिया बन गया है।
कबाड़ी बाजार, मेरठ:
मेरठ के कबाड़ी बाजार में भी जिस्मफरोशी होती है। यहाँ पर ज्यादातर लड़कियाँ नेपाल से होती हैं।
शिवदासपुर, वाराणसी:
वाराणसी का शिवदासपुर इलाका रेडलाइट एरिया है, जिसे यूपी का सबसे बड़ा रेडलाइट इलाका कहा जाता है। यहाँ दालमंडी में भी वेश्यावृत्ति का काम होता है।
मीरगंज, इलाहाबाद:
इलाहाबाद के मीरगंज इलाके में भी रेडलाइट एरिया है। यहाँ पर भी वेश्यावृत्ति के काम होते हैं।
रेशमपुरा, ग्वालियर:
ग्वालियर के रेशमपुरा इलाके को ग्वालियर का रेडलाइट एरिया कहा जाता है। यहाँ पर विदेशी लड़कियों के अलावा मॉडल और कॉलेज गर्ल्स भी होती हैं।
गंगा-जमुना मंडी, नागपुर:
नागपुर के गंगा-जमुना मंडी इलाके में भी रेडलाइट एरिया है जहाँ कई अपराध होते रहते हैं।
बुधवार पेठ, पुणे:
पुणे के बुधवार पेठ इलाके को रेडलाइट एरिया के रूप में जाना जाता है और यहाँ नेपाल से आई युवतियाँ जिस्मफरोशी करती हैं।
चतुर्भुज स्थान, मुजफ्फरपुर:
बिहार के मुजफ्फरपुर में भी एक रेडलाइट एरिया है जिसे चतुर्भुज स्थान कहा जाता है और यहाँ कई महिलाएं
‘हीरामंडी’ कुछ ऐसी कहानी
‘हीरामंडी’ ही नहीं, इन 7 फिल्मों में दिखा वेश्याओं का अलग रूप, औरतों के साथ पुरुषों में भी होती है वेश्यावृत्ति
इस सेंसेटिव टॉपिक पर इससे पहले भी कई फिल्में बन चुकी हैं जो कल्ट क्लासिक हैं और आपको जरूर देखनी चाहिए
लक्ष्मी नाम की एक छोटी लड़की पर इसकी कहानी है जिसका अपहरण कर लिया जाता है, बेच दिया जाता है और उसे वेश्या बना दिया जाता है