इस मामले में अब तक सात किसानों को गिरफ्तार किया जा चुका है और एसआईटी मामले में और संदिग्धों की तलाश कर रही है।
एसआईटी के एक सदस्य ने कहा, “हमने उन किसानों के बयान दर्ज करने के लिए समन जारी किया है जो मौके पर मौजूद थे और भीड़ का हिस्सा थे। उनमें से कुछ पहले हमारे सामने पेश हुए लेकिन किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया।”
किसानों का प्रतिनिधित्व कर रहे अधिवक्ता हरजीत सिंह ने कहा, “कुछ किसानों को पहले पूछताछ के लिए बुलाया गया था क्योंकि वे भीड़ का हिस्सा थे लेकिन हिंसा में शामिल नहीं थे। अब जिन किसानों को समन मिला है, वे ही किसानों की हत्या के मामले में गवाह हैं। हम एसआईटी के काफिले में सवार दो अन्य आरोपियों की तलाश का इंतजार कर रहे हैं जो भागने में सफल रहे थे।”
केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा के काफिले ने चार किसानों और एक पत्रकार को कथित तौर पर कुचल दिया था तब गुस्साए किसानों ने कथित तौर पर तीन भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी थी और दो एसयूवी को आग लगा दी थी जो काफिले का हिस्सा थीं।
मामले में क्रॉस एफआईआर दर्ज की गई और एसआईटी ने चार्जशीट दाखिल की जिसमें आशीष सहित 14 लोगों को नामजद किया गया, जो किसानों की मौत के लिए जेल में बंद हैं। लिंचिंग मामले में सात किसानों को गिरफ्तार किया गया है। बाद के मामले में जांच जारी है।
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