Ghaziabad: लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों के संदर्भ में भाजपा के रणनीतिकारों ने एक नई कड़ी बनाई है। संगठन स्तर पर सभी को जिम्मेदारियां सौंपी जा रही हैं, और इसमें उच्च पदों पर बैठे लोगों को भी शामिल किया गया है। उत्तर प्रदेश में 25 राज्यसभा सांसदों में से 9 की सदस्यता समाप्त हो रही है, और इससे उन्हें नए और महत्वपूर्ण कार्यों में सहयोग करने का आदान-प्रदान करना होगा।
कौन हैं वे लोग
इस पूरे मामले में, गाजियाबाद से राज्यसभा सांसद अनिल अग्रवाल, मेरठ से राज्यसभा सांसद कांता कर्दम, और विजयपाल तोमर शामिल हैं। इनकी सदस्यता समाप्त होने के बाद, भाजपा संगठन ने इन 9 राज्यसभा सांसदों को लेकर बड़े स्तर पर कठिनाइयों का सामना करना होगा।
यह सूचना उन्हें जानकर संगठन ने उत्तर प्रदेश से नए चेहरों को तैयार करने का निर्णय लिया है, जो उच्च पदों पर बैठे हैं और जिन्हें लोकसभा चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका देने का मन है।
क्या रहेंगी नयी ज़िम्मेदारियाँ
इसी कड़ी के तहत, गाजियाबाद से राज्यसभा सांसद अनिल अग्रवाल को हाल ही में नोएडा प्रभारी बनाया गया है, जिससे उन्हें नए और जिम्मेदारीभरे कार्यों में शामिल होने का अवसर मिला है। सूत्रों के मुताबिक, संगठन अब इन राज्यसभा सांसदों को लेकर बड़ी रणनीति बना रहा है, क्योंकि इनमें से अधिकांश लोकसभा चुनावों में टिकट की मांग कर सकते हैं। इसका मतलब है कि इन चेहरों को लोकसभा चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका मिलने की संभावना है, और इससे उन्हें चुनौतीपूर्ण चुनौतियों का सामना करना होगा।
इस संदर्भ में, गाजियाबाद से राज्यसभा सांसद अनिल अग्रवाल का विचार किया जा रहा है कि वह लोकसभा चुनाव 2024 में गाजियाबाद से उम्मीदवार बनें। ताकि पार्टी को एक सशक्त और विश्वसनीय उम्मीदवार मिल सके, लेकिन इसमें वहने के सांसद जनरल वीके सिंह की दावेदारी भी होने के कारण कठिनाइयां हो सकती हैं।
उत्तर प्रदेश में इस चुनौतीपूर्ण संकट के बीच, गाजियाबाद से राज्यसभा सांसद अनिल अग्रवाल ने हाल ही में नोएडा प्रभारी के रूप में नियुक्ति प्राप्त की हैं, जिससे उन्हें पार्टी की नई दिशा में योजनाएं बनाने का अवसर मिला है।
इसी संदर्भ में, भाजपा के संगठन द्वारा उपरोक्त राज्यसभा सांसदों को लेकर एक विस्तृत रणनीति तैयार की जा रही है। लोकसभा चुनाव से पहले इन्हें संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों में सम्मिलित किया जा रहा है ताकि उन्हें विशेषज्ञता और नेतृत्व की भूमिका मिले।
टिकट की मांग बढ़ी
नए चेहरों को आगे बढ़ाने के लिए उत्तर प्रदेश से चुने गए 9 राज्यसभा सांसदों में से कई विधायकों और कार्यकर्ताओं को भी महत्वपूर्ण दायित्व दिए जा रहे हैं। इसके अलावा, गोपनीयता बनाए रखने के लिए टिकट की मांग बढ़ी है ताकि पार्टी किसी भी तरह की विभिन्नता से बच सके और एकजुट रूप से चुनाव लड़ सके।
यही नहीं, बड़ी रणनीति के तहत संगठन ने नए और युवा नेताओं को प्रोत्साहित किया जा रहा है, ताकि पार्टी चुनावों में जनता के बीच में अधिक आकर्षक और साकारात्मक दिखे। युवा नेताओं को महत्वपूर्ण पदों पर स्थान देने के लिए संगठन ने भी नीतियों का बदलाव किया है।
इसके अलावा, संगठन ने उत्तर प्रदेश से आने वाले चुने गए राज्यसभा सांसदों को विभिन्न क्षेत्रों में अपनी विशेषज्ञता का प्रदर्शन करने का अवसर दिया है, ताकि वे लोकसभा चुनावों में प्रमुख भूमिका निभा सकें और पार्टी को एक सशक्त और विकसीत दिशा में ले जा सकें।