Ghaziabad: गाजियाबाद नगर निगम में टेंडरों के अवैधता की बात सामने आने के बाद, नगर आयुक्त ने 11 टेंडरों को तुरंत निरस्त कर दिया है। इसके परिणामस्वरूप, इन टेंडरों को पुनः निकालने का आदेश जारी किया गया है। पूर्व में हुए टेंडर में महापौर सुनीता दयाल और साहिबाबाद विधायक सुनील शर्मा की आपत्ति के बाद इनके निरस्तीकरण के आदेश दिए गए थे।
ये है पूरा किस्सा
कुछ दिन पहले ही, नगर निगम के विकास कार्यों के टेंडर में विवाद का सामना किया गया था, जिससे गंभीर उलझने का सामना करना पड़ा। इसके परिणामस्वरूप, नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक ने 11 टेंडर को तुरंत निरस्त कर दिया था। जानकारी के अनुसार, अब उक्त 11 टेंडर समेत 19 टेंडरों को पुनः निकालने की मांग की गई है।
फिर से मांगेंगे टेंडर
नगर निगम प्रशासन का कहना है कि करीब 34 करोड़ की लागत से होने वाले इन विकास कार्यों को जल्द ही शुरू किया जाएगा। इस प्रक्रिया के बाद, नगर आयुक्त ने टेंडरों को फिर से मांगने का निर्णय लिया है। इन विकास कार्यों के टेंडर निगम प्रशासन द्वारा मांगे गए थे, लेकिन इसके साथ ही महापौर सुनीता दयाल और साहिबाबाद विधायक सुनील शर्मा ने उनकी विधिक अवैधता पर आपत्ति दर्ज कराई थी। इस परिणामस्वरूप, इन टेंडरों के निरस्तीकरण के आदेश दिए गए थे।
नगर निगम के अधिशासी अभियंता एफए जैदी ने इस प्रक्रिया को पुनः शुरू करने का निर्णय लिया है, जिसके तहत इन 19 टेंडरों को पुनः निकालने की कदम उठाए जाएंगे। इसके बाद, विकास कार्यों का शीघ्र ही आरंभ किया जाएगा, जिससे नगर के विकास में सुधार हो सके।