स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि विशेषज्ञों के अनुसार, ओमिक्रॉन स्वरूप डेल्टा की तुलना में कम खतरनाक है और इसलिए रोगियों को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि इस समय किसी भी ओमिक्रॉन रोगी को ऑक्सीजन की जरूरत नहीं है।
उन्होंने कहा, “रोकथाम इलाज से बेहतर है और लोगों को हर समय खुद को सुरक्षित रखने की जरूरत है।”
उन्होंने कहा, “दिल्ली में प्रतिदिन 3 लाख लोगों को टीका लगाने के लिए उपयुक्त और पर्याप्त बुनियादी ढांचा और टीकाकरण केंद्र हैं। दिल्ली सरकार दिल्ली के 15-18 वर्ष आयु वर्ग के किशोरों का टीकाकरण करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। हमारे पास लोगों को टीकाकरण के लिए बूस्टर खुराक का पूरा स्टॉक उपलब्ध है।”
उन्होंने दावा किया कि मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए बच्चों के लिए पहले ही 3,000 से अधिक बिस्तर तैयार किए जा चुके हैं। सभी स्वास्थ्यकर्मियों को कोरोना वायरस के इलाज के लिए उचित प्रशिक्षण और निर्देश दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वायरस के विभिन्न रूपों के लिए कोई अलग उपचार नहीं है।
जैन ने कहा, “लोग इन दिनों ओमिक्रॉन जांच की मांग कर रहे हैं। यह उन्हें सूचित करना है कि ओमिक्रॉन की जानकारी केवल सरकार और नीति निर्माताओं के लिए आवश्यक है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि सिस्टम उसके अनुसार काम करे। मरीजों को वायरस के नए स्वरूप के बारे में कुछ भी नया जानने को नहीं मिलेगा, क्योंकि अन्य प्रकारों के लिए उपचार प्रक्रिया बिल्कुल ओमिक्रॉन के इलाज जैसा ही है।”
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