मध्य प्रदेश : रिश्वत लेने के कई मामले आते रहते है, और आदमी मजबूर होकर काम करवाने के लिए रिश्वत देता भी है। ऐसे ही एक अजीबोगरीब मामले में शाजापुर जिले की रिटायर्ड नर्स महिला को मजबूरन अलग कदम उठाना पड़ा। जिला मुख्यालय पर स्वास्थ्य विभाग में अपने सामान्य भविष्य निधि (577) की रकम को पाने के लिए सिविल सर्जन के नाम से नर्स ने अपने सारे बाल कटवा लिए.
मामला तूल पकड़ता देख आनन-फानन में विभाग ने उसकी GPF की रकम निकलवाने के लिए कोशिश तेज की। जहाँ महिला कई दिन से चक्कर काट रही थी वही अब एक-दो दिन में ही पूरी रकम महिला ANM के हाथ में मिल जाएगी। कर्मचारी अपनी ज़िन्दगी भर की कमाई से एक छोटा हिस्सा भविष्य निधि के रूप में बचाता है ताकि रिटायर्ड होने के बाद वह इस बचत की रकम को उपयोग में ला सके। लेकिन उसी रकम को पाने के लिए उसको अपने ही पुराने विभाग के चक्कर काटने पड़ते है और रिश्वत देनी पड़ती है।
दरअसल, शाजापुर जिला मुख्यालय पर पदस्थ ANM कृष्णा विश्वकर्मा अपनी रकम निकलवाने के लिए 4 माह से अपना पैसा लेने के लिए इधर से उधर भटक रही है। आखिरकार वह इतनी परेशान हो गई कि उन्होंने ये अजीबोगरीब कदम उठा लिया।
नर्स ने स्वास्थ्य विभाग पर आरोप लगाया है, ”सिविल सर्जन ऑफिस में पदस्थ पाटीदार सर का कहना है कि दीदी, अगर आप कुछ लेती- देती हों तो मैं और सर आपका पैसा 4 दिन में निकलवा देंगे.” कृष्णा विश्वकर्मा ने इसी के जवाब में सिविल सर्जन के नाम अपने बाल मुडवाकर दान कर दिए और कहा- ”यह मैंने दे दिए. अब मुझे मेरी रकम आप दे दीजिए.”
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