Ghaziabad: गाजियाबाद के अर्थला ग्राम में नगर निगम और डीएमआरसी के खिलाफ ग्रामीणों ने धरना प्रदर्शन किया, प्रमुख गेट पर जलभराव समस्या के खिलाफ विरोध जताया गया। धरना के दौरान हनुमान चालीसा का पाठ कर ग्रामीणों ने अपना आपत्तिजनक विरोध प्रकट किया, जिसमें नगर निगम के पार्षद भी शामिल थे।
क्या हैं दिक्कतें ?
यहां ग्राम के मुख्य द्वार पर जलभराव समस्या ने बारिशी दिनों में और भी अधिक दिक्कतें उत्पन्न की हैं। इस समस्या का समाधान करने के लिए पार्षद मनोज पाल और ग्रामीणों ने अनेक बार डीएमआरसी और नगर निगम से सड़क के नीचे दबे पाइपों और सीवेज लाइन को साफ करने की मांग की है, लेकिन कोई कदम नहीं उठाया गया। इसके परिणामस्वरूप, ग्रामीण और स्थानीय पार्षदों ने धरना बैठा लिया और हनुमान चालीसा का पाठ करते हुए अपना विरोध प्रकट किया।
शिकायत पर भी कोई कदम नहीं
नगर निगम पार्षद मनोज पाल ने बताया कि उन्होंने बार-बार निगम के उच्च अधिकारियों से इस समस्या की शिकायत की है, लेकिन अब तक कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली है। साथ ही, सड़क के नीचे दबे हुए डीएमआरसी के पाइपों के साथ-साथ नीचे गए सीवेज लाइन ने भी समस्या बढ़ा दी है, जिससे जलभराव की समस्या हो रही है। पार्षद ने बताया कि डीएमआरसी को भी इस पर पत्र लिखा गया है, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं होने के कारण ग्रामीण और स्थानीय पार्षद ने धरना देने का फैसला किया है। इस स्थिति में, उन्होंने अपना विरोध प्रदर्शित करने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ किया है।
डीएमआरसी को लिखा पत्र
ग्रामीणों और पार्षदों का कहना है कि यह समस्या बहुत दिनों से चली आ रही है और उनकी आवाज को कोई सुनने को तैयार नहीं है। वे नहीं सिर्फ अपने गाँव की सुरक्षा के लिए प्रयासशील हो रहे हैं बल्कि उन्होंने सड़क के नीचे दबे पाइपों और सीवेज लाइन की सफाई के लिए बार-बार सुनिश्चित कार्रवाई की मांग की है।ग्रामीणों ने डीएमआरसी को पत्र लिखकर भी यह समस्या रिपोर्ट की है, लेकिन उनका खुला पत्र भी किसी प्रतिक्रिया के लिए प्रतीत नहीं हो रहा है। इस तरह की निष्क्रियता ने ग्रामीणों को मजबूर किया है कि वे अब तक का सब्र खत्म करके सड़क पर उतरें और अपनी मांगों को साकारात्मक रूप से प्रस्तुत करें।
नगर निगम पार्षद मनोज पाल ने धरना के दौरान कहा कि वे ग्रामीणों के साथ हैं और उनकी समस्या का समाधान करने के लिए पूरी कोशिश करेंगे। उन्होंने डीएमआरसी को भी इस समस्या का समाधान करने के लिए आग्रह किया है और उन्हें इस मुद्दे पर सही कदम उठाने का निर्देश दिया है। इस प्रदर्शन के माध्यम से, ग्रामीणों ने अपनी आवाज को बुलंद किया है और स्थानीय प्रशासन से अपनी मुद्दती मांगों का समाधान करने की मांग की है। धरना देने का फैसला करके, उन्होंने समस्या के समाधान की दिशा में एक कदम और बढ़ाया है, जिसे स्थानीय प्रशासन को गंभीरता से लेना चाहिए।