देश में हार्ट संबंधी बीमारियों का खतरा काफी बढ़ गया है। आए दिन हार्ट अटैक के मामले सुनाई देना अब आम बात हो गई है। इसका कारण सुस्त लाइफ स्टाइल, गलत खान-पान, मादक पदार्थ का सेवन, तनाव आदि को माना जा रहा है। लेकिन, कोरोना महामारी के बाद से एक्सरसाइज के दौरान हार्टअटैक के डरावने मामले भी सामने आए हैं। कुछ दिन पहले बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में एक छात्रा की योग करते समय मौत हो गई थी। कुछ दिन पहले मशहूर कमेडियन राजू श्रीवास्तव असमय दुनिया छोड़कर चले गए। उन्हें भी एक्सरसाइज करते समय हार्ट अटैक आया था। कुछ समय पहले टीवी के मशहूर एक्टर सिद्धांत वीर सूर्यवंशी को भी जिम में वर्कआउट करते समय हार्ट अटैक आया था और उनकी मौत हो गई थी। कम उम्र के लोगों में हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों ने लोगों के मन में डर पैदा कर दिया है। अब लोग जिम से दूरी बनाने लगे हैं। एक्सरसाइज के दौरान लगातार हो रहे हार्ट अटैक को लेकर जब हृदय रोग विशेषज्ञों से बात की गई तो उन्होंने 40 साल से ज्यादा की उम्र के लोगों को हैवी एक्सरसाइज करने से बचने की सलाह दी।
फिट रखने के लिए करें योग
हृदय रोग विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसा देखने में आया है कि अपने बच्चों को जिम जाते देख अभिभावकों को भी एक्सरसाइज का शौक लग जाता है। ज्यादा उम्र होने के बाद भी वे बॉडी और डोले बनाने के चक्कर में पड़ जाते हैं। कई बार ऐसे प्रयास जानलेवा साबित होते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि उम्रदराज लोगों को एक्सरसाइज खुद को फिट रखने के लिए करना चाहिए ना कि किसी को देखकर होड़ लगानी चाहिए। विशेषज्ञों ने बताया कि वर्कआउट करते समय वाक्य पूरा बोला जा सके, वही आदर्श व्यायाम होता है। उम्रदराज लोगों के लिए हर हफ्ते 5 से 8 घंटे तक का व्यायाम बेहतर माना जा सकता है।
मेडिकल हिस्ट्री जानना जरूरी
विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे हालात में जिम में ट्रेनरों का प्रशिक्षण काफी जरूरी होता है। उन्हें चाहिए कि जब भी किसी 40 साल की उम्र से ज्यादा के व्यक्ति को जिम में प्रवेश दें उसकी मेडिकल हिस्ट्री जरूर जान लें। यदि उस व्यक्ति के परिवार में पहले किसी की हार्ट अटैक से मौत हुई हो या डायबीटिज, ब्लड प्रेशर की समस्या हो तो उन्हें हल्की एक्सरसाइज करना चाहिए। साथ ही जिम में आटोमैटिक एक्सटर्नल डिफिब्रिलेटर लगाने चाहिए ताकि हार्ट अटैक होने पर तत्काल शॉक दिया जा सके। इस उपकरण को आजकल बड़े होटलों और विमानतलों पर लगाया जाता है।
योग के समय लें लिक्विड
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि योग करते समय लिक्विड पदार्थ का सेवन जरूर करना चाहिए। यदि कोई पूरे सप्ताह 5 घंटे से कम व्यायाम करता है तो वह शरीर के लिए फायदेमंद नहीं माना जाता। वहीं, 8 घंटे से ज्यादा की कसरत भी नुकसान पहुंचा सकती है। विशेषज्ञों का मामना है कि व्यायाम करने की वजह होनी चाहिए। बॉडी बिल्डर, खिलाड़ी देर तक व्यायाम करते हैं और उनके ट्रेनर प्रशिक्षित रहते हैं। यदि कोई फिट रहने के लिए व्यायाम करता है तो उसके लिए सप्ताह में 5 से 8 घंटे पर्याप्त होते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि जिम में जो ट्रेनर होते हैं, उन्हें बेसिक सीपीआर (कार्डियो पल्मोनरी रिससिटैशन) आना चाहिए ताकि योग करते समय हार्ट अटैक आने पर संबंधित व्यक्ति की जान बचाई जा सके।
हार्ट फेल होने का कारण
विशेषज्ञों के अनुसार हृदय शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग होता है। इसका काम शरीर के सभी अंगों तक खून पहुंचाना होता है। हार्ट फेल तब होता है, जब हृदय शरीर की आवश्यकताओं के अनुसार खून को पंप नहीं कर पाता। यह ऐसी बीमारी है जो धीरे-धीरे कई कारणों से विकसित होती है। दुनिया के बाकी हिस्सों की तुलना में भारत में अनहेल्दी लाइफ स्टाइल के कारण युवाओं में हृदय रोग के विकास में काफी वृद्धि देखी जा रही है। हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा, डायबिटीज, धूम्रपान, जंक फूड खाने और सुस्त लाइफ स्टाइल वाले लोगों में हार्ट फेल की समस्या अधिक देखी जा रही है। लोगों में बढ़ता स्ट्रेस भी हार्ट फेल होने का कारण बनता है।