दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट द्वारा शुक्रवार को ‘मोदी’ सरनेम टिप्पणी मामले राहुल गाँधी की सजा पर रोक लगाने के बाद लोकसभा सचिवालय ने सोमवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सदस्यता बहाल कर दी। उन्हें मार्च 2023 में निचले सदन से अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
‘मोदी सरनेम’ टिप्पणी पर 2019 में मानहानि मामले में राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई गई। अदालत ने गांधी को राहत देते हुए कहा था कि ट्रायल कोर्ट के आदेश का प्रभाव कुछ ज्यादा ही है। अदालत ने कहा था कि इससे न केवल गांधी का सार्वजनिक जीवन में बने रहने का अधिकार प्रभावित हुआ, बल्कि उन्हें चुनने वाले मतदाताओं का अधिकार भी प्रभावित हुआ।
शीर्ष अदालत ने गुजरात उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली कांग्रेस नेता की अपील पर जुलाई में गुजरात सरकार और शिकायतकर्ता को नोटिस भी जारी किया।
Lok Sabha Secretariat restores membership of Wayanad MP Rahul Gandhi after the Supreme Court on Friday (August 4) stayed his conviction in the ‘Modi’ surname remark case.
He was disqualified from the lower house in March 2023. pic.twitter.com/UBE3FvCGEN
— ANI (@ANI) August 7, 2023
इससे पहले कांग्रेस पार्टी ने ‘मोदी सरनेम टिप्पणी मामले’ में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राहुल गांधी को दोबारा सांसद के रूप में बहाल करने के मुद्दे पर सोमवार को पार्टी के संसदीय कार्यालय में अपने लोकसभा सांसदों की बैठक बुलाई थी. यह ‘मोदी सरनेम टिप्पणी मामले’ में सुप्रीम कोर्ट के अनुकूल फैसले के बाद किसी भी देरी के मद्देनजर राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल करने की मांग उठायी थी।
मानहानि मामले में सूरत की एक अदालत द्वारा कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाने वाले सुप्रीम कोर्ट के आदेश की एक प्रति औपचारिक रूप से लोकसभा सचिवालय को सौंप दी गई। कांग्रेस नेतृत्व और कई विपक्षी नेताओं ने उनके अनुरोध पर लोकसभा सचिवालय की प्रतिक्रिया पर निराशा व्यक्त की थी कि गांधी को तुरंत बहाल किया जाना चाहिए, ताकि वह 8 अगस्त से शुरू होने वाले मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव में भाग ले सकें।