सजा मिलने वालों को पर्सनल बांड पर मिली जमानत
गाजियाबाद, करंट क्राइम: गाजियाबाद की एमपी-एमएलए कोर्ट ने भाजपा के लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर को राहत प्रदान की है। उनको साल 2007 के मामले में गुर्जर आंदोलन के दौरान गाजियाबाद के भोपुरा में आगजनी और जाम लगाने के केस में कोर्ट ने बरी कर दिया है। इस मामले में कुल 16 आरोपी बनाए गए थे, जिसमें से कोर्ट ने 10 को साक्ष्यों के अभाव में बरी किया है। वहीं 6 नामजदको 6 महीने की सजा हुई है लेकिन उनको भी पर्सनल बांड पर जमानत दे दी गई है।
2007 का है पूरा मामला
एडवोकेट हरेंद्र कसाना में बताया है कि वर्ष 2007 में गाजियाबाद के भोपुरा क्षेत्र में गुर्जर आंदोलन के दौरान जाम और आगजनी हुई थी। जिसका मामला गाजियाबाद में एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रहा था। पुलिस ने मामले में 07 क्रिमिनल एक्ट, 147, 341, 336 और 427 में मुकदमा दर्ज किया गया था। उस समय दरोगा समरपाल ने यह मुकदमा कराया था। एडवाकेट हरेंद्र कसाना ने बताया है कि इस मामले में नौ गवाह पेश हुए जो सारे सरकारी पक्ष के थे। हरेंद्र कसाना के मुताबिक इस मामले में कोर्ट ने गाजियाबाद लोनी विधानसभा से वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी के विधायक नंदकिशोर गुर्जर, पप्पू पहलवान, ईश्वर मावी, विनोद नागर, धीरज धामा, दिनेश और सुरेंद्र कसाना समेत 10 को बरी कर दिया है।
राजेंद्र, अनिल, प्रमोद और प्रदीप सहित 6 को मिली सजा
करट क्राइम : इस मामले में कुल 16 आरोपी थे, जिसमें से 10 को बरी किया गया है। वहीं राजेंद्र, महकार कसाना, हरवीर प्रधान, अनिल, प्रमोद और प्रदीप को 6 महीने की सजा सुनाई गई। उनको भी फिलहाल कोर्ट ने पर्सनल बांड पर जमानत दे दी है। अधिवक्ता हरेंद्र कसाना के मुताबिक जिनको सजा दी गई है इनकी सजा खत्म करने के लिए आगे अपील की जाएगी।