Ghaziabad: एक आदमी ने अपने मकान को किराए पर देने की सोच रखी थी और इसके लिए सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर विज्ञापन दिया था। उसका एक संग्रहणकर्ता ने उससे संपर्क किया था। इसके बाद घड़ीचक्कर शुरू हो गया।
पूरा मामला
सुरेंद्र कुमार, जो साहिबाबाद में निवास करते हैं, ने बताया कि उनका मकान राजेंद्र नगर में स्थित है और वह इसे किराए पर देने का निर्णय लिया था। उन्होंने अपने मकान की विवरण और फोटो सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर साझा किया था। उन्हें फोन आया और जो व्यक्ति फोन कर रहा था, वह खुद को सब-इंस्पेक्टर बता रहा था। उसने दावा किया कि वह गुजरात के अहमदाबाद से है और सीआईएसएफ में सब-इंस्पेक्टर के पद पर काम कर रहा है, जिसने हाल ही में गाजियाबाद में तबादला प्राप्त किया है। उसने झूठी भरपूर कहानी सुनाई और बताया कि वह जल्दी ही गाजियाबाद में ज्वाइन करने वाला है और उसे तुरंत एक घर की आवश्यकता है।
दी सारी डिटेल्स
फिर उसने शानदार किराए के ऑफर के साथ सुरेंद्र कुमार से पेटीएम नंबर और आधार कार्ड की जानकारी मांगी। सुरेंद्र ने उसे अपना पेटीएम नंबर और आधार कार्ड की जानकारी दे दी, जिसके बाद सुरेंद्र की बैंक खाता से लगभग 98,960 रुपये डेबिट हो गए। उसके बाद सुरेंद्र कुमार को यह मालूम हुआ कि उसके साथ धन का ठगी का केस हो गया है। उसने गाजियाबाद साइबर क्राइम सेल में शिकायत दर्ज करवाई है।
पुलिस केस दर्ज
गाजियाबाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की है और सच्चाई का पता लगाने के लिए संग्रहणकर्ता और फ्रॉड करने वाले की तलाश में है। इस मामले में फ्रॉड करने वाले की शख्सियत की पहचान करने का प्रयास जारी है और उचित कार्रवाई के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
इस घटना ने फिर एक बार साबित किया है कि लोगों को ऑनलाइन सुरक्षित रहने के लिए सतर्क रहना आवश्यक है और ऐसे संदर्भों में विशेषतः संग्रहणकर्ताओं को विवादास्पद ऑफरों से सतर्क रहना चाहिए। लोगों को चाहिए कि वे किसी भी अनजाने व्यक्ति से व्यापारिक लेन-देन में पहले सतर्कता बरतें और आधिकारिक रूप से जांच प्राप्त करें।
रखें विशेष ध्यान
गाजियाबाद पुलिस ने इस घटना के बारे में एक अधिकारिक बयान जारी किया है, जिसमें उन्होंने लोगों को सतर्क रहने की आगाही दी है। इसके अलावा, सोशल मीडिया और ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्मों पर सकारात्मक और सतर्क रहने के लिए पुलिस ने कई निर्देश जारी किए हैं। इस मामले में प्रतिभागीता रखने वाले लोगों को भी सुरक्षित रहने के लिए अपनी नजरों को तेज करने की आवश्यकता है। ऑनलाइन फ्रॉड और धन की ठगी के खिलाफ सतर्कता बनाए रखना हम सभी की जिम्मेदारी है।
गाजियाबाद पुलिस ने बताया कि वे इस मामले को गंभीरता से लेकर जांच जारी रख रही हैं और फ्रॉड करने वाले को जल्दी से पहचानने का प्रयास कर रही हैं। उन्होंने लोगों से यह अनुरोध किया है कि वे किसी भी संदर्भ में अपनी जानकारी जारी न करें और आपत्तिजनक लगे तो तुरंत पुलिस से सहायता प्राप्त करें।