Ghaziabad: एक चौंकाने वाले वीडियो ने खोला है किसानों के द्वारा हरी सब्जियों की उगाई किये जाने वाला राज। यह वीडियो के जरिए सोशल मीडिया पर जल्दी ही फैल रही है यह जानकरी कि वह हरी सब्जियों को हिंडन नदी के प्रदूषित पानी से कैसे धोकर मंडी में बेचते हैं।
क्या था वीडियो में?
वीडियो में दिखाई गई दृश्यों के आधार पर प्रतिभागीयों का कहना है कि दो ट्रैक्टर ट्राली में सरसों के साग, बथुआ, मेथी, और पालक को हिंडन नदी के प्रदूषित पानी से धोते हुए दिखे गए हैं। इस प्रक्रिया में उपयोग हो रहे कई जहरीले केमिकल्स ने सब्जियों को नकारात्मक प्रभावित किया है, जिससे इन्हें सेवन करने से स्वास्थ्य पर बुरा असर हो सकता है।
सबसे प्रदूषित नदी
किसानों की इस हत्यारे सब्जी धोने की तकनीक ने हिंडन नदी की स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल दिया है। जहां एक ओर यह सब्जियां बाजार में पहुंचती हैं, वहीं दूसरी ओर हिंडन नदी का पानी देश की सबसे प्रदूषित नदियों में से एक हो गई है। 2015 में इसे ‘मृत नदी’ घोषित किया गया था, और पिछले दिनों आए एक सर्वे रिपोर्ट ने इसमें ई लेवल के प्रदूषण की बढ़ती मातियों का सेवन करने से बीमारियों का खतरा भी बढ़ सकता है। यहां तक कि हिंडन नदी का पानी इतना प्रदूषित है कि इसमें वन्यजीवों तक का शिकार होजाता है।
जन सहयोग जरूरी
समाज को भी इस समस्या को सीधे सामना करने की आवश्यकता है। लोगों को नदियों के प्रदूषण की चेतावनी देने, और इस समस्या के समाधान के लिए सहयोग करने के लिए जागरूक होना चाहिए। सामुदायिक स्तर पर आयोजित किए जा रहे प्रशिक्षण कार्यक्रमों, शिक्षा के माध्यम से जनता को इस बड़े समस्या के बारे में जानकारी प्रदान की जा सकती है।
सुरक्षित खेती
आखिर में, किसानों को सुरक्षित खेती के लिए नए और स्वच्छ तंत्रों का अधिक समर्थन मिलना चाहिए। सरकार को नए और ज्यादा उन्नत तंत्रों की तरफ बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए, जिससे नदियों का पानी बचाव में मदद मिल सके और खेतों से निकलने वाले उत्पादों को साफ-सुथरा करने में मदद मिले। इस चुनौतीपूर्ण समय में, सभी क्षेत्रों को मिलकर मिलकर काम करने की आवश्यकता है। सुरक्षित खेती तंत्रों की बढ़ती मांग, नदियों के प्रदूषण के खिलाफ सामूहिक प्रयास, और जनता को इस समस्या के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है। इसके बिना, हम स्वस्थ और सुरक्षित खाद्य स्विकरण के मामले में सफल नहीं हो सकते हैं, और नदियों की स्वस्थता की रक्षा करना संभावनहीन होगा।