हांडी में हिन्डन जल लेकर पहुंचने वालों को होगा शांतिभंग का नोटिस जारी
वरिष्ठ संवाददाता (करंट क्राइम)
गाजियाबाद। कई बार ऐसा होता है कि बात सिर्फ लहजों से अपने अर्थ बदल लेती है। कई बार ऐसा होता है कि बात को समझने और बात को समझाने में देर लगती है और फिर सीन थोड़ा संगीन सा हो जाता है। शहर के दो प्रमुख समाजसेवियों के साथ ऐसा ही हुआ। वाटिका वाले समाजसेवी हमेशा से समाज सेवा के कामों में आगे रहते हैं।
प्रशासन के साथ हमेशा सहयोग वाला स्टैंड रहता है। कम्बल वितरण से लेकर स्वच्छता अभियान तक उनका योगदान रहा है। अपनी बिरादरी के प्रतिष्ठित चेहरों में गिनती होती है और समाज सेवा का एक प्रमाणिक ट्रैक रिकॉर्ड है। वहीं एक दूसरे समाजसेवी भी समय समय पर ज्ञापन देते ही रहते हैं। मुद्दों को लेकर एक्टिव रहते हैं और सोशल मंच पर उनकी मौजूदगी दिख जाती है। दोनो समाजसेवी कुछ ना कुछ करते रहते हैं और इन दोनों समाज सेवियों को पता नहीं था कि वो जिस मुहिम को लेकर कलेक्ट्रेट जा रहे हैं उस मामले में बात ऐसे बिगड़ जायेगी।
वो तो आदतन गये थे और अपनी बात को कहने और समझाने के लिए हांडी में हिन्डन नदी का जल ले गये थे। लेकिन बात को कहने और समझाने का कोई मौका भी होता है और दस्तूर भी होता है। जब ये समाजसेवी जल लेकर डीएम के दफ्तर गये तो वहां पर जनसुनवाई की हलचल थी। जिलाधिकारी अपने कार्यालय में बैठकर फरियादियों की फरियाद सुन रहे थे। जनता की समस्याओं का समाधान कर रहे थे। ये वो समय होता है जब अधिकारी अपने कार्यालय में बैठकर जनसुनवाई करते हैं। ऐसे में पूरा फोकस अपनी पीड़ा को रख रहे फरियादी पर होता है। जब हांडी में जल लेकर ये पहुंचे तो इनके अंदाज को देखकर डीएम नाराज हो गये। डीएम आरके सिंह स्ट्रेट फॉरवर्ड अधिकारी हैं। समस्याओं के त्वरित निस्तारण के लिए जाने जाते हैं। फाईल को निस्तारित करने का उनका अपना स्टाईल है। तभी तो एक छात्र का एडमिशन डीएम की पहल पर हुआ तो छात्र की माता ने उन्हें धन्यवाद का पत्र भेजा था। जब अनुकम्पा आधार पर मृतक आश्रितों को नौकरी प्रदान की थी तो दुआओं का एक सैलाब परिजनों के मुख से निकला था। जनसमस्याओं का निस्तारण कर रहे अधिकारी को हांडी में इस तरह से जल लेकर आना कुछ ठीक नहीं लगा और उन्होंने इस बात पर कड़ी नाराजगी जाहिर की। समाजसेवी हैं ठीक है और अपनी बात कहने आये हैं ये भी ठीक है लेकिन हांडी में जल भरकर उस पर माला लपेटकर साथ में ज्ञापन लेकर आना ठीक नहीं है। वहीं समाजसेवियों को भी पता नहीं था कि जल को लेकर इतनी किलकिल हो जायेगी। बताते हैं कि बात बढ़ गयी और जागरूकता वाला अभियान थाने तक पहुंचने को तैयार हो गया था। जिलाधिकारी ने पुलिस बुला ली और फिर दोनों समाजसेवियों को यह कहकर जाने दिया कि यह कलेक्ट्रेट है और यहां बात कहने का अपना तरीका है। अब सूत्र बताते हैं कि दोनों समाजसेवियों को शांतिभंग की धारा में नोटिस जारी होने वाला है।