Ghaziabad: 22 जनवरी को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर निर्मित श्रीराम मंदिर में भगवान श्रीराम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे। इस श्रेणी के कार्यक्रम का आयोजन 8 दिसंबर से होगा। इस अद्भुत क्षण में, देशभर से लोग इस पवित्र क्षेत्र में शामिल होने के लिए उत्सुक हैं। इस महत्वपूर्ण घड़ी में, गाजियाबाद के एक पुजारी को भी राम सेवा के लिए नियुक्ति मिली है। दुधेश्वरनाथ मंदिर प्रांगण में स्थित श्री दूधेश्वर वेद विद्या पीठ के एक विद्यार्थी को इस श्रेणी में चयन होने पर महंत नारायण गिरि ने इसे गाजियाबाद के लिए एक गर्व का क्षण बताया है।
ये सब हुए शामिल
आयोध्या में स्थित भव्य राम मंदिर में श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए पुजारियों की चयन प्रक्रिया ने देशभर से 3000 वेदार्थियों और पुजारियों को शामिल किया। इस चरण के बाद, 50 पुजारियों का चयन किया गया है, जिनमें श्री दूधेश्वर वेद विद्या पीठ के एक विद्यार्थी मोहित पांडे भी शामिल हैं। इन चयनित पुजारियों को पहले 6 महीने का प्रशिक्षण दिया जाएगा, उसके बाद ही उन्हें भगवान राम की सेवा में नियुक्ति मिलेगी।
ये होंगे मदिर के पुजारी
गौरवशाली मोमेंट की चर्चा करते हुए, श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर महंत नारायण गिरि ने बताया कि मोहित पांडे का चयन राम मंदिर पुजारी के रूप में होना मंदिर, विद्यापीठ, और गाजियाबाद के लिए एक सम्मानयात्मक पल है। महंत नारायण गिरि ने बताया कि श्री दूधेश्वर वेद विद्या पीठ आज उत्तर भारत का सबसे बड़ा वेद व कर्मकांड का विद्यालय है, जहां देशभर के शिक्षार्थी वेद व कर्मकांड की शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। इस विद्यालय ने उत्तर प्रदेश व भारत को गौरवान्वित करते हुए पूरे विश्व में सनातन संस्कृति का पर्चम फहराया है।
विद्यार्थियों को दे रहे शिक्षा
महंत नारायण गिरि ने इस मौके पर यह भी उज्ज्वल किया कि श्री दूधेश्वर वेद विद्या पीठ आज उत्तर भारत के सबसे प्रमुख वेद पाठशाला मानी जा रही है, जिसमें विद्यार्थियों को संस्कृत वेदों और कर्मकांड की महत्वपूर्ण शिक्षा दी जा रही है। इस विद्यापीठ ने सनातन संस्कृति और धार्मिक तत्त्वों के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और उत्तर प्रदेश व भारत को गौरवशाली बनाने के क्षेत्र में सकारात्मक कदम उठाए हैं।
गाजियाबाद को हुआ गर्व
इस उत्कृष्ट समाचार के बारे में गाजियाबाद के लोग भी गर्वित हैं और इस मौके का सम्मान कर रहे हैं। मोहित पांडे के चयन के साथ ही, गाजियाबाद ने एक नए धार्मिक योगदान का आदान-प्रदान किया है जिससे संपूर्ण देश में उत्तर प्रदेश का प्रतीक बना है।
इसी संदर्भ में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 22 जनवरी को आयोध्या में किया जाने वाला मंदिर पुनर्निर्माण कार्य केवल भारतीय समाज के लिए ही नहीं, बल्कि समस्त विश्व के लिए भी एक ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण समय की घड़ी को दर्शाता है। इस मंदिर के निर्माण से न केवल भगवान राम की प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी, बल्कि यह भी सनातन धरोहर की रक्षा और प्रोत्साहन का स्रोत बनेगा। इस पुनर्निर्माण कार्य के माध्यम से देशवासियों को एक साथ आने और मिलकर कार्य करने का एक मौका मिलेगा, जिससे राष्ट्रीय एकता और समरसता में वृद्धि होगी। यह एक सामाजिक सांस्कृतिक परिवर्तन की शुरुआत है जो भगवान राम की महानता और उनके उपासकों के बीच एक नए जज्बे की ऊर्जा को स्थापित करेगा। इस ऐतिहासिक प्रक्रिया में शामिल होने वाले सभी लोगों को बधाई और शुभकामनाएं।