गाजियाबाद (करंट क्राइम)। ‘पार्थ चटर्जी पर महिला ने फेंकी चप्पल!!!’ शीर्षक से छपी खबर ने भले ही अखबारों की सुर्खियां न बटोरी हों। अखबारों की फ्रंट की न्यूज न बनी हो लेकिन ये छोटी सी खबर नेताओं को डराने वाली है। चप्पल फैंकने के बाद उस महिला ने जो कहा वह नेताओं के लिए चेतावनी है। सुभ्रा घोराई नाम की इस महिला ने कहा कि पार्थ चटर्जी ने फ्लैट पर फ्लैट बनाये हैं। इतनी बड़ी बड़ी मात्रा में कैश बटोरा है और जिनके हक मारे गए हैं ,वे बेचारे बेरोजगार सड़कों पर घूम रहे हैं। लोगों को ठगने के बाद भी उसे ए सी कार से लाया जा रहा है। जबकि इसे जमीन पर घसीटकर लाना चाहिए था। अगर मेरी चप्पल उंसके सिर पर लगती तो मुझे और खुशी होती। ये एक आम महिला जो न तो किसी दल की कार्यकर्ता है और न इसे कोई अपने वाहन में बैठाकर लाया है और न इसे किसी ने चप्पल फैंकने के लिए प्रेरित किया है। ये उसकी अपनी स्वाभाविक प्रतिक्रिया है। आम लोग नेताओं के द्वारा की जा रही लूट को किस तरह से देखते हैं और क्या प्रतिक्रिया देते हैं ,ये चप्पल फैंकने से स्पष्ट हो गया है।आम जन में इन लूट करने वाले नेताओं के लिए कितनी नफरत भरी है ये इस प्रतिक्रिया से स्पष्ट हो गया है? नेताओं को इस अभिव्यक्ति से डरने की जरूरत है। नेता भले ही कितना शोर मचाते रहें और बदले की कार्यवाही बता रहे हों ,ईडी पर दुरुपयोग का आरोप लगाते रहें , लेकिन जनता में सन्देश स्पष्ट है कि नेता जनता के पैसे को लूट रहे हैं।
नेता सत्ता के हों या विरोधी दल के हों जो लूट करेंगे जनता का उन्हें कुछ इसी तरह का जवाब मिलेगा।