Ghaziabad: मास्टर प्लान 2031 के अनुसार, गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने नॉन कन्फॉर्मिंग जोन के हिस्सों की सुर्वेक्षण प्रक्रिया की शुरुआत की है। इस प्रक्रिया के अनुसार, नॉन कन्फॉर्मिंग जोन के भू-भागों को पुनर्विचार करने और पुनर्निर्धारित करने के लिए ज़रा समय लगेगा, और उम्मीद है कि यह सर्वे अगले दो महीनों के भीतर पूरा हो जाएगा। इसके बाद, इन नॉन कन्फॉर्मिंग जोन्स को मास्टर प्लान 2021 का हिस्सा बनाया जा सकेगा।
आखिर क्या है प्लान ?
इस प्लान का मुख्य उद्देश्य है गाजियाबाद और आस-पास के क्षेत्रों के विकास को सुनिश्चित करना, और इसे एक आदर्श शहर बनाना है। इस प्लान के अंतर्गत, गाजियाबाद, डासना, लोनी, मोदीनगर, और मुरादनगर क्षेत्रों के लिए विकास योजनाएँ बनाई जा रही हैं। गाजियाबाद क्षेत्र में यह पहली बार हो रहा है कि एक ज्योग्राफिकल इनफॉरमेशन सिस्टम के आधार पर मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है। इस कार्य के लिए केंद्र सरकार की डीएफ कंसलटेंट एजेंसी ने तीन ड्राफ्ट प्लान्स तैयार किए हैं, जिनमें गाजियाबाद, डासना, लोनी, मोदीनगर, और मुरादनगर के विकास के योजना समाहित हैं। इन प्लान्स को फरवरी 2022 तक लागू करने की योजना बनाई गई थी, लेकिन अब तक केवल मोदीनगर क्षेत्र की मास्टर प्लान को मंजूरी मिली है। गाजियाबाद और लोनी क्षेत्र के ड्राफ्ट प्लान्स नवंबर तक फाइनल किए जाएंगे। इन ड्राफ्ट प्लान्स में नॉन कन्फॉर्मिंग जोन के सर्वे को भी शामिल किया गया है और इसके पूरा होने में और दो महीने लग सकते हैं।
गाजियाबाद और लोनी क्षेत्रों के ड्राफ्ट प्लान को फाइनल करने के लिए ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट कोड पॉलिसी के तहत 26 अक्टूबर तक सुझाव और आपत्तियां मांगी गई हैं। इन आपत्तियों और सुझावों को अगले हफ्ते तक निस्तारित किया जाएगा, और इन्हें फिर से ड्राफ्ट प्लान में शामिल किया जाएगा। इस प्रक्रिया के बाद, गाजियाबाद, डासना, लोनी, मोदीनगर, और मुरादनगर क्षेत्रों के विकास में बड़ी परिवर्तन हो सकता है। यहां के खेती भूमि का उपयोग बदलकर वहां आवासीय, व्यावसायिक, और औद्योगिक क्षेत्रों के रूप में किया जा सकता है।
नए क्षेत्र देखने मिलेंगे
मास्टर प्लान 2031 का लागू होने के बाद, यह क्षेत्र करीब 130 हेक्टेयर की भूमि का उपयोग बदलकर विकसित करने का प्लान बना रहा है। इसमें अन्य बड़े शहरों के तरह यहां भी नए आवासीय क्षेत्र, व्यावसायिक क्षेत्र, और औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जाएंगे। इस प्रक्रिया के अंतर्गत, जीडीए बोर्ड अब नक्शा स्वीकृत करने में आगे बढ़ेगा, और इससे क्षेत्र के विकास में भी एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया जाएगा। गाजियाबाद, डासना, लोनी, मोदीनगर, और मुरादनगर क्षेत्रों के विकास के लिए यह प्लान एक आदर्श शहर बनाने का प्रयास है, जिसमें सुखमय और सुरक्षित जीवन जीने के लिए आवश्यक सुविधाएँ हों।
सर्वे का हुआ चलन
इस प्लान के अंतर्गत, गाजियाबाद और आस-पास के क्षेत्रों के विकास की योजनाएँ बनाई जा रही हैं जिनमें उन्हें नॉन कन्फॉर्मिंग जोन के साथ मिलकर देखा जा रहा है। इसके लिए एक विशेष सर्वे का आयोजन किया गया है, जिसका पूरा होने में कुछ महीने लग सकते हैं। इस प्रक्रिया के बाद, गाजियाबाद, लोनी, मोदीनगर, और मुरादनगर क्षेत्रों में भू-उपयोग में महत्वपूर्ण परिवर्तन आ सकता है, जिससे इन क्षेत्रों का विकास सुनिश्चित किया जा सकता है। यह योजना क्षेत्रीय विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, और नागरिकों के जीवन में सुधार करने का उद्देश्य रखती है।