Ghaziabad: गाजियाबाद नगर निगम में सफाई कर्मचारी की एक दुर्घटनापूर्ण मौत के बाद, उनके साथी कर्मचारी ने सर्वोदय हॉस्पिटल के बाहर हंगामा किया। सूचना के मुताबिक, नगर निगम कर्मचारी विजेंद्र सोमवार को अपने कार्यस्थल पहुंचने के दौरान एक बस गेट के पास गिर गए, जिससे उनकी तब्दीली हो गई और उन्हें घायल कर दिया।सफाई कर्मचारी की चपेट में आने के बाद, सर्वोदय हॉस्पिटल में उनका इलाज हुआ, लेकिन उनकी मौत हो गई। इस दुर्घटना के बाद, संगठन ने मृतक के परिजनों को 20 लाख रुपए की मुआवजा और एक परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की है।
जांच की मांग
गाजियाबाद नगर निगम के सफाई कर्मचारी विजेंद्र सोमवार की मौत के पीछे हुए घटना के पर्दाफाश के बाद, यूनियन ने सरकार से गहन जांच की मांग की है। संगठन के अधिकारियों ने जारी किए गए एक बयान में यह कहा कि सरकार को इस मामले में गहन जांच करने के लिए जिम्मेदार बनाया जाए, ताकि दुर्घटना के पीछे छुपी जानकारी सामने आ सके और इस तरह की हादसों को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा सकें।
मिलेगा परिवार को मुआवज़ा
इस दौरान, वाल्मीकि समाज संगठन के प्रमुख ने भी यह मांग की है कि मृतक के परिवार को उचित मुआवजा मिलना चाहिए और एक सदस्य को सरकारी नौकरी देना चाहिए, ताकि उनका भविष्य सुरक्षित हो सके। सफाई कर्मचारी की दुर्घटना ने स्थानीय समाज में आश्चर्य और चिंता का सृष्टि किया है, और लोग इस मामले की गहन जांच की मांग कर रहे हैं।
20 लाख की मांग
सरकार के साथी निगम कर्मचारियों के हंगामे के बाद व्यापक विरोध और उत्तेजना बढ़ी है, जिससे इस मामले में और भी दबाव बन गया है। यूनियन ने अपनी मांगों को लेकर इस मुद्दे पर गहन रूप से विरोध जताया है और उन्होंने सरकार से इस दुर्घटना की स्थिति की गहन जांच करने का आवेदन किया है। वाल्मीकि समाज संगठन के प्रमुख जितेंद्र सूद वाल्मीकि ने बताया कि सफाई कर्मचारी के निधन के बाद उनके संगठन ने पीड़ित परिवार की मदद के लिए 20 लाख रुपए की मांग की है, ताकि वह अपनी आर्थिक कठिनाईयों को निभा सकें। उन्होंने यह भी कहा कि एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का आदिकार उन्हें चाहिए, ताकि उनका भविष्य सुरक्षित हो सके और उन्हें और उनके परिवार के सदस्यों को सहारा मिले।
इस मामले में हंगामे ने यह स्थिति उत्तेजना भरी बना दी है, जिससे सरकार पर और भी दबाव बन गया है। लोग चाहते हैं कि सरकार इस मामले को गंभीरता से लेकर जांचे और उन्हें उचित न्याय मिले। साथ ही, सफाई कर्मचारियों के साथ और भी सुरक्षा उपायों को लेकर उनकी मांग को लेकर समाज में बढ़ती उत्तेजना के चलते, यह मुद्दा सड़क पर उतरकर आम जनता के बीच एक महत्वपूर्ण चर्चा का केंद्र बन गया है। गाजियाबाद नगर निगम और सरकारी प्रतिनिधियों को इस मुद्दे पर समय रहते कार्रवाई करने की अपील की जा रही है, ताकि इस दुर्घटना के पीछे छुपी जानकारी सामने आ सके और ऐसे हादसों को रोकने के लिए सख्ती से कदम उठाए जा सकें। लोग चाहते हैं कि इस तरह की दुर्घटनाएं न दोहराए जाएं और साफ-सुथरे नगर में सफाई कर्मचारियों के साथ बेहतर और सुरक्षित दिनों की गणेशा हो।