Ghaziabad: कारोबारी निशांत सरवैया की लूट के मामले में एक अध्ययनयोंत्री को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, जिससे हुए चोरी-छिपे कारोबारी गतिविधियों का पर्दाफाश हुआ है। यह एक और बड़ा कदम है जब लूट में शामिल तीसरे आरोपी को पुलिस ने कड़ी कार्रवाई के बाद पकड़ा है। क्राइम ब्रांच की टीम ने इस आरोपी को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन लूटी गई रकम की विवरण को लेकर अब तक कोई स्पष्टीकरण नहीं हुआ है।
आरोपी गिरफ्तार
आरोपी का गिरफ्तार किया जाना एक और चरण है जब पहले ही गिरफ्तार किए गए आरोपी से लूटी गई रकम को 19.5 लाख रुपये तक पहुंचा दिया गया है। इस लूट के मास्टरमाइंड के साथ इसे जोड़ने का प्रयास कर रहे थे, उनमें से एक आरोपी गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के मुताबिक, इस लूट में शामिल अन्य आरोपी अब भी फरार हैं और उनकी गिरफ्तारी के लिए कार्रवाई जारी है।
लूट में कौन था शामिल
कारोबारी निशांत सरवैया का कहना है कि लूटी गई रकम का स्पष्ट विवरण नहीं हुआ है और पुलिस के मुताबिक अभी तक इसका पता नहीं चल सका है। इसके परे, यह भी बताया गया है कि लूट में शामिल आरोपी लूटी गई रकम को बाँटते समय इस बीच कोड वर्ड का इस्तेमाल कर रहे थे। इसके अलावा, लूट की विवरण के बारे में सूचना देने वाले निशांत सरवैया का जवाबी प्रवृत्ति करते हुए पुलिस ने बताया कि वह एक और साथी के साथ क्राइम स्थल पर मिलकर इसे अंजाम देने का निशाना बनाया गया था। उन्होंने कहा कि उनके साथियों ने लूट की रकम को बाँटा और इस बीच कोड वर्ड का उपयोग किया गया।
रकम बांटी
सात आरोपियों के शामिल होने का संदेह है जो इस घटना में शामिल थे, जिसमें से कुछ गिरफ्तार हो चुके हैं और कुछ फरार हैं। पुलिस का कहना है कि उनमें से एक आरोपी ने ट्रांसफर की गई रकम को वाणिज्यिक गतिविधियों में लगाने का आरोप लगाया गया है और इसकी जांच भी जारी है। आरोपी के गिरफ्तार होने के बाद पुलिस ने उससे पूछताछ करते हुए बताया कि लूट की रकम को बाँटने के लिए इन आरोपियों ने कोड वर्ड सेट किया था, जिसे उन्होंने व्हाट्सएप मैसेज के रूप में शामिल किया था। यह वारदात की योजना बनाने में उनकी गहरी साजिश को दर्शाता है।
जांच जारी
सुरक्षा एजेंसियाओं ने लूट के मामले में सहायक और सहयोगी जांच तथा पूर्वसूचना विभागों के साथ मिलकर इस घटना की गहन जांच शुरू की है। कारोबारी निशांत सरवैया के साथ हुई लूट ने बड़े पैम्बर और गुप्त तकनीकी तंत्रों का इस्तेमाल किया था, जिसके पर्दाफाश होने में समय लग रहा है। इस मामले में पुलिस ने सुरक्षा कैमरों के फुटेज, संदिग्ध लोगों की गतिविधियों, और घटना के स्थल पर मौजूद बाहरी कैमरों की जांच करने का आदान-प्रदान किया है। इस घटना में शामिल सभी आरोपीयों का सच्चाई बयान लेने के लिए पुलिस ने तथाकथित साक्षात्कार भी किए हैं ताकि घटना की सटीकता और आरोपीयों के बीच के संबंध को सुधारा जा सके। इसमें आरोपी का कैसे कोड वर्ड का उपयोग करके लूट की योजना बनाई गई थी, यह साक्षात्कार से स्पष्ट हो रहा है। विवाद के बावजूद, पीड़ित कारोबारी ने अभी तक लूटी गई रकम के बारे में सूचना देने से इनकार किया है, जिससे मामले में और भी पेचीदगी आ सकती है।