समर शेष है, नहीं पाप का भागी केवल व्याघ,
जो तटस्थ है, समय लिखेगा उनके भी अपराध।
गाजियाबाद, करंट क्राइम। पूर्व मंत्री बालेश्वर त्यागी अक्सर समय समय पर पुराने लेकिन सच्चे किस्सों से राजनीति के चरित्र को बताते हैं। एक बार फिर बालेश्वर त्यागी ने बताया है कि किस तरह से उनके लिए भी शिकायत की गई थी लेकिन वो सच्चे थे इसलिए उन्होंने सत्य पूर्वक अपनी बात को रखा। बालेश्वर त्यागी ने अपने लेख में बताया है कि जब मैं गृह विभाग में राज्य मंत्री था तब की बात है।
एक दिन मैं अपनी विधानसभा में ग्रामीण क्षेत्र में जनसंपर्क पर था। मेरे पास मोबाइल फोन तो होता नहीं था। कविनगर थाने से वायरलैस के माध्यम से मेरी एस्कॉर्ट गाड़ी को सन्देश मिला कि मैं माननीय मुख्य मंत्री जी से तुरंत यूपी निवास में फोन पर सम्पर्क करूँ । उस समय कल्याण सिंह जी मुख्य मंत्री थे। मैं बीच मे प्रोग्राम छोड़कर अपने घर आया और फोन से माननीय मुख्यमंत्री जी से सम्पर्क किया। मुख्यमंत्री जी ने तत्काल दिल्ली यूपी निवास पहुंचकर मिलने के लिए बुलाया। साथ ही पूछा कि खाना खा लिया क्या ? मैंने मना किया तो उन्होंने कहा खाने में समय मत व्यर्थ करो तुरंत आओ ,खाना यहां खा लेना। मैं इस एमरजेंसी को लेकर जरूर चिंतित था। कोई जरूर गम्भीर बात है जो तत्काल बुलाया है। मैं यूपी निवास पहुंचा और कल्याण सिंह जी के कक्ष में गया। वहां मैंने उस समय के संघ के एक बड़े अधिकारी को भी बैठे देखा। मेरे मन की चिंता बढ़ गई ,निश्चय ही कोई बड़ी गड़बड़ी है। कल्याण सिंह जी ने मुझसे कहा कि पहले आप भोजन करो तब बात करेंगे। मुझसे ठीक से भोजन भी नहीं किया गया। लेकिन पेट भरना था सो कर लिया।
भोजन के बाद कल्याणसिंह जी ने कहा कि आपके विरुद्ध एक बड़ी शिकायत है। आपके कोई रिश्तेदार वकील फिरौती कराते हैं ? ये बात सुनकर मेरे पैरों के नीचे की जमीन खिसक गई। मैं तो एक दम पाक साफ स्वच्छ राजनीति करता था। मेरी स्वच्छ छवि पर भरोसा करके ही शहर के मतदाताओं ने मुझे जिताया था। उस समय तो मेरी विधान सभा मे मेरे समाज की कुल संख्या 10000- 15000 होगी। पहले झटके में तो मैं उस आरोप से हिल गया। लेकिन न कर न डर ,मैंने कहा कि मेरा कोई रिश्तेदार वकील नहीं है। दूसरे मैंने 19 वर्ष गाजियाबाद कोर्ट्स में वकालत की है और दो बार मैं बार एसोसिएशन का अध्यक्ष भी रहा हूँ , इसलिए बहुत से वकीलों से मेरा निकट का सम्पर्क रहा है। तीसरे मेरी बिरादरी इतनी छोटी है कि अगर कोई प्रयास करोगे तो कहीं कहीं से नजदीक न सही दूर से कोई रिश्तेदारी जरूर निकल ही आएगी। आप प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं। आप गाजियाबाद के एसएसपी से, डीआईजी या आईजी से अभी पूछ लो मैंने उन्हें कभी किसी गलत व्यक्ति की कोई सिफारिश की हो तो मैं जरूर दोषी होऊंगा । अगर पुलिस प्रशासन की जानकारी में कोई वकील फिरौती जैसे गम्भीर अपराधों में लिप्त है तो प्रशासन उनके विरुद्ध कठोर कार्यवाही करें । अगर मैं उसमें हस्तक्षेप करूँ तो मैं जरूर दोषी हूँ।
कल्याण सिंह अपराध और अपराधियों को लेकर बहुत सख्त थे। उन्होंने मुख्यमंत्री बनते ही अपराधियो के विरुद्ध कठोर कार्यवाही प्रारम्भ की थी। उनका शासन बहुत अच्छे शासन के लिए याद किया जाता है। वे मेरे उत्तर से सहमत हुए। उन्होंने संघ के उन बड़े अधिकारी जो किन्हीं लोगों की शिकायत के आधार पर मुख्यमंत्री से बात करने आये थे और मुख्यमंत्री जी ने मुझे बुलाकर उनके सामने ही स्पष्टीकरण लेना उचित समझा ,उनसे कहा कि बालेश्वर का कथन ठीक लगता है। अगर कोई भविष्य में गड़बड़ी मिलेगी तो निश्चय ही कार्यवाही करेंगे।
अगर मेरा ऐसे लोगों के प्रति कोई जरा सभी शाफ्टकार्नर दिखता तो उसी दिन मेरा मंत्रिमंडल से बर्खास्तगी तय थी। मैं अपनी सच्चाई के कारण बच गया। गुंडे और अपराधियो से केवल वे ही पीड़ित नहीं होते जिन पर वे प्रत्यक्ष प्रहार करते हैं। बल्कि उनकी छवि पूरे समाज को कलंकित करती है। समाज के भले लोग भी कभी कभी उनके कारण प्रताड़ित हो जाते हैं। समाज के भले लोगों को उनके विरुद्ध मुखर होकर आवाज उठानी चाहिए। ताकि वे समाज की शक्ति का उपयोग अपने गलत काम को संरक्षण के लिए न कर सकें ।