गंूजती रही फोन की रिंग टोन, पता तो करो ये विधायक जी है कौन
गाजियाबाद (करंट क्राइम)। चुनावी बेला है और यहां सबसे बड़ा खेला ये चल रहा है कि भाजपा में आन मिलो बेला चल रही है। भाजपा वाले कहते है कि ऐसा कैसे हो सकता है कि जिन्होंने पार्टी की खिलाफत की उन्हें पार्टी ले लेगी। लेकिन कहने वालों को क्या पता कि चुनावी बेला में पार्टी क्या-क्या स्टेप ले लेगी। अभी ही हाल ही में हुआ जब ये चर्चा चली कि एक ब्राह्मण पूर्व विधायक सुदेश शर्मा भाजपा में आ रहे है। इसे सुनकर पता चला कि संगठन वाले ही विरोध जता रहे है। फिर ये हुआ कि विरोध भी धरा रहा गया और गतिरोध भी काम नहीं आया। पूर्व विधायक को भाजपा हाईकमान का फरमान आया कि आ जाओ क्षेत्रीय कार्यालय। रालोद के पूर्व विधायक सुदेश शर्मा क्षेत्रीय कार्यालय पहुंचे और यहां भाजपा हाईकमान ने उन्हें ससम्मान भाजपाई बनाया।
अब चर्चा सुदेश शर्मा की ज्वाइनिंग के बाद एक पूर्व ब्राह्मणा विधायक के भाजपाई होने की चल रही है। चर्चा भी किसी गॉसिप ठिए से नहीं बल्कि सियासत के एक बड़े घर से चल रही है। मंगलवार को इन पूर्व ब्राह्मण विधायक की डिनर डिप्लोमेसी की चर्चा शुरू हुई। अब सियासत में जब ये बात जंगल में आग की तरह फैली तो नेताओं के मोबाइल फोन की रिंग टोन गंूजने लगी। मोबाइल की रिंग टोन के साथ हैलो होते ही आशंका वाला सवाल ये होता था कि जरा पता तो करो कौन ब्राह्मण चेहरा है, क्योंकि गाजियाबाद में ही पूर्व ब्राह्मण विधायक तो तीन है। अब एक पूर्व जनप्रतिनिधि के भाजपा में आने की चर्चा ने फिर से भाजपा के कई नेताओं को बेचैन कर दिया है। क्योंकि सियासत के बड़े घर की डिनर डिप्लोमेसी का संदेश बता रहा है कि पूर्व ब्राह्मण विधायक को हरी झंडी मिलेगी और भाजपा वालों के सियासी गुलशन में एक नया फूल खिलने वाला है। अब चर्चा पूरी है और ये सच है या अफवाह ये समय बताएगा।
भाजपा के राष्टÑीय नेता के घर बैठकर बोला था एक पूर्व जनप्रतिनिधि ने झूठ
पॉलिटिक्स में ज्वाइनिंग का होना एक बड़ा गेम माना जाता है। यदि गेम पहले ओपन हो जाए तो कई बार पूरी कहानी ही क्लोज हो जाती है। सियासत वाले दंग रह जाते है और कई किस्से पहले ही बंद हो जाते है। क्योंकि ज्वाइनिंग की सूचना यदि पहले लीक हो जाए तो फिर ज्वाइन करने वाले नेता को वीक करने के लिए पूरी ताकत लगा दी जाती है। खेमों में खलबली मच जाती है और ज्वाइनिंग रोकने के लिए एक पूरी टोली लग जाती है। सूत्र बताते हैं कि एक पूर्व जनप्रतिनिधि जब भाजपा में आ रहे थे तो उनके आने की चर्चा से ही उन्हें फोन मिलाए गए। सही स्थिति जानने के लिए जब पूर्व जनप्रतिनिधि को फोन मिलाया गया तो उन्होंने सिच्यूेशन तो क्या लोकेशन तक भी गलत बता दी। उन्होंने भाजपा में जाने की चर्चा को तब अफवाह बताया था जब वो ये शब्द कहते समय भाजपा के एक राष्टÑीय पदाधिकारी के साथ उन्हीं के घर पर थे।