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नवजातों को निमोनिया से बचाने को सरकार तैयार
नई दिल्ली। मासूमों को निमोनिया से बचाने भारत सरकार 8 करोड़ पीवीसी डोज खरीदेंगे। केंद्र सरकार न्यूमोकोकल कॉन्जुगेट वैक्सीन यानि पीवीसी के करीब 8 करोड़ डोज खरीदने जा रही है। इस संबंध में विश्व स्तर पर बोली भी जारी कर दी है। भारत में पीसीवी की शुरुआत नरेंद्र मोदी सरकार में साल 2017 में चरणबद्ध तरीके से हुई थी। पहले इसकी शुरुआत पांच राज्यों में हुई और बीते साल विस्तार होकर यह 14 राज्यों तक पहुंच गया।
29 अक्टूबर को सरकार ने हर बच्चे को कवर करने के लिए पूरे देश के लिए पीसीवी की घोषणा की थी।सरकार ने 2 महीने पहले ही यूनिवर्सल इम्युनाइजेशन प्रोग्राम के तहत न्यूमोकोकल कॉन्जुगेट वैक्सीन के विस्तार की घोषणा की थी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने 29 अक्टूबर को कहा था, ‘न्यूमोकोकस के कारण होने वाला निमोनिया बच्चों में गंभीर निमोनिया रोग का सबसे आम कारण है। भारत में लगभग 16 प्रतिशत बच्चों की मृत्यु निमोनिया के कारण होती है। पीसीवी की राष्ट्रव्यापी शुरुआत से बाल मृत्यु दर में लगभग 60 प्रतिशत की कमी आएगी।’ सरकार ने अब 7.8 करोड़ पीसीवी डोज खरीदने के लिए विश्व स्तर पर बोली जारी की है, जिसमें देशभर में वितरण के लिए डिलीवरी का समय अप्रैल 2022 और मार्च 2023 रखा गया है। निरीक्षण का अधिकार ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया के पास होगा और टेंडर को लेकर सप्लाई होने वाले हर बैच की मंजूरी प्राप्त लैब सीडीए कसौली मं जांच होगी।
टेंडर संबंधी दस्तावेज में खासतौर पर कहा गया है कि आपूर्ति पर वैक्सीन की शेल्फ लाइफ उत्पादन के 6 महीने से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। ‘मेक इन इंडिया’ नीति के तहत स्थानीय सप्लायर्स को तरजीह दी जाएगी।पीसीवी की तीन डोज की श्रृंखला में दी जाने की सिफारिश की गई है। इसमें हर एक डोज 0.5 एमएल का होगा और 6 हफ्तों, 14 हफ्तों और उसके 9 महीने बाद दिया जाना है। पीसीवी को इंट्रामस्कुलर तौर पर दिया जाता है और उसे +2.सी से +8.सी में रखा जाता है। भारत में अब तक फाइजर और जीएसके के पीसीवी डोज आयात किए जाते हैं, जिनकी कीमत क्रमश: 3,801 रुपये और 2,195 रुपये प्रति डोज होती है। गावी एलायंस ने भी भारत की मदद की है।
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने भारत में बीते साल दुनिया की सबसे सस्ती पीसीवी की घोषणा की थी, जिसक कीमत सार्वजनिक बाजार में 3 डॉलर औऱ निजी बाजार में 10 डॉलर प्रति डोज होगी। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लेनदेन के मामले में वैक्सीन मूल देश की सभी जरूरतों को पूरा करेगा और ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया के साथ रजिस्टर्ड होगा।’ टेंडर दस्तावेज में कहा गया है, ‘भारत में तैयार होने पर वैक्सीन ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट की सभी जरूरतों को पूरा करेगा।
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