ग्रेटर नोएडा समाचार: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग मामले में न्यायालय में दायर आरोपपत्र में मेरठ के आनंद हॉस्पिटल की मालकिन मीना आनंद, नोएडा के बिल्डर मैसर्स साहा इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड और इसके निदेशक अनिल कुमार साहा का भी नाम शामिल किया गया है। आरोप है कि मीना आनंद ने बाइक बोट कंपनी से 2.5 करोड़ रुपए अपने निजी खाते में लिए थे। इस मामले में अब स्पेशल कोर्ट में सुनवाई होगी।
लाखों लोगों से हजारों करोड़ की ठगी
कोट गांव में खोली गई बाइक बोट कंपनी ने देशभर में लाखों लोगों से हजारों करोड़ की ठगी की। इस घोटाले की जांच के लिए देशभर की 16 से अधिक एजेंसियां काम कर रही हैं। बाइक बोट घोटाले की जांच ईडी ने भी फरवरी 2021 से आदेश पर शुरू की है, और इसकी सुनवाई अब गाजियाबाद के विशेष कोर्ट में चल रही है। वहां पर ईडी ने नए आरोपियों को चार्जशीट दाखिल की है। उनके खिलाफ भी यह मामला अब चलेगा।
मीना आनंद के अकाउंट में जाएं 2.5 करोड़ रुपए
नए नामों में सबसे महत्वपूर्ण नाम मेरठ के आनंद हॉस्पिटल की मालकिन मीना आनंद का है। ईडी ने आरोपपत्र में मीना आनंद को आरोपी घोषित किया है, उन्होंने बाइक बोट कंपनी के खाते से 2.5 करोड़ रुपए अपने निजी बैंक खाते में लिए थे। इस धन का उपयोग उन्होंने अपने हॉस्पिटल के संचालन में किया, जानकारी के साथ कि यह घोटाले के पैसे हैं।
साहा इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड भी शामिल
ईडी ने इसके अलावा साहा इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड और उसके निदेशक अनिल कुमार साहा का भी नाम शामिल किया है। आरोप है कि बाइक बोट कंपनी में ठगी का पैसा विभिन्न बैंक खातों में जमा होता था और इन खातों में जमा होने वाले धन को बाद में साहा इंफ्राटेक कंपनी के खाते से अन्य जगह भेजा जाता था। यह मानी जाने वाली धन की जाँच का मामला है।
बाइक बोट स्कीम क्या थी
सन् 2010 में संजय भाटी द्वारा कंपनी की शुरुआत की गई थी। वर्ष 2018 में, इस बाइक बोट स्कीम को लॉन्च किया गया था। इसके अंतर्गत बाइक टैक्सी की शुरुआत हुई थी। इसके तहत एक व्यक्ति से 62,100 रुपए का निवेश करने का प्रस्ताव दिया गया था और उसके बदले में एक साल तक प्रतिमाह 9,765 रुपए की वादा किया गया था। निवेशकों का आरोप है कि पैसे नहीं दिए गए थे। बाद में संचालक फरार हो गए थे, और इसके बाद लोगों ने मुकदमे दर्ज कराने का आरंभ किया था।