Ghaziabad: कविनगर थाना क्षेत्र में 5 दिसंबर को हुए एक लूट के मामले में इंदिरापुरम निवासी गोल्ड व्यापारी निशांत सरवैया के साथ जुड़ा बड़ा राज़दारी का पर्दाफाश हो गया है। इस घटना में अब तक 57 लाख रुपए बरामद किए गए हैं, और तीन आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। लूट हुई रकम के बारे में सरवैया ने खुलासा नहीं किया है, और अब इस संदेह के घेरे में उनकी भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं।
पूरा मामला
कविनगर पुलिस ने इस मामले में तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर उनसे 57 लाख रुपए की रकम बरामद की है। पीड़ित निशांत सरवैया ने पुलिस के बुलाने पर भी उपस्थित नहीं हो रहे हैं और उनका मोबाइल फोन भी बंद किया गया है। एसीपी अभिषेक श्रीवास्तव ने बताया कि निशांत ने अपने मोबाइल फोन को बंद कर लिया है और उनकी गैरहाजिरी दिखाता है कि उन्हें इस मामले में संलग्न होने में कोई इच्छा नहीं है।
करोड़ों से अधिक लूटा
इस घटना के पीछे रकम का स्रोत संदिग्ध है, और इस संबंध में बदमाशों द्वारा लूटी गई रकम एक करोड़ से अधिक हो सकती है, जो हवाला से जुड़ी जा रही है। इस प्रकार, आयकर विभाग ने भी इस मामले में शामिल होने का ऐलान किया है, और रकम के स्रोत की जानकारी प्राप्त करने के लिए नोटिस जारी किया जाएगा। इस घटना में व्यक्तिगत और आर्थिक दुर्भाग्य का सामना कर रहे निशांत सरवैया की चुप्पी और अव्यावसायिकता ने इसे और भी गहरा बना दिया है। इसमें आयकर विभाग की चेतावनी के बावजूद, इस मामले में उच्च स्तरीय जांच करने की आवश्यकता है ताकि सच्चाई सामने आ सके और अगर किसी ने भी कानून का उल्लंघन किया है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके।
कुछ रकम बरामद
इस लूट के मामले में जो रकम बरामद की गई है, उसका स्रोत अब तक स्पष्ट नहीं है और इस प्रकरण में शामिल अन्य व्यक्तियों की भूमिका पर भी सवाल खड़ा है। सौरभ नामक एक और व्यक्ति भी इसके संदर्भ में चुप्पी साध रहा है और जानकारी देने में नाकाम रहा है। आयकर विभाग की तरफ से नोटिस जारी करने का निर्देश भी एक पहलुवा है ताकि रकम का स्रोत स्पष्ट हो सके और कानूनी कदम उठाए जा सकें। यह मामला न केवल एक व्यक्ति के आर्थिक हानि का सवाल है, बल्कि इसने समाज में स्थिति को भी कठिनाईयों का सामना करना पड़ा है।
कार्रवाई जारी
इसके अलावा, इस पूरे मामले में इंदिरापुरम पुलिस ने तेजी से कार्रवाई की है और तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इसके बावजूद, पीड़ित निशांत सरवैया के द्वारा खुलासा नहीं किया जा रहा है और उनकी अव्यावसायिकता ने मामले को और भी रहस्यमय बना दिया है। इस तरह के घटनाओं से सामाजिक न्याय और साहित्यिकता को भी उत्तेजना मिलता है, जिसे आम जनता को सत्य और न्याय की ओर बढ़ने के लिए जागरूक करना चाहिए। इस प्रकार की घटनाएं हमें यह सिखाती हैं कि हमें अपनी आंतरजागरूकता बढ़ानी चाहिए ताकि हम धर्म, नैतिकता, और सामाजिक न्याय के प्रति सही और गलत की पहचान कर सकें।