Ghaziabad: गाजियाबाद क्राइम ब्रांच का एक महत्वपूर्ण कामयाबी समय-समय पर समाचार मीडिया में चर्चा में रहता है, जिसमें दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया, जो एक स्कॉर्पियो में लगभग 5 किलोग्राम अफीम के साथ थे। इस गिरफ्तारी के साथ ही 1.25 करोड़ रुपये की अफीम की बरामद की गई है, जिसने सड़कों पर छाई दुकानों तक अपना प्रभाव दिखाया।
क्या है पूरा मामला ?
यह मामला गाजियाबाद क्राइम ब्रांच के द्वारा विशेष ध्यान केंद्रित किया गया था। इस द्वितीयक अभियान के दौरान, पुलिस द्वारा की गई बेहद महत्वपूर्ण कार्रवाई ने अफीम व्यापार को एक महत्वपूर्ण धारा पर पहुंचाया है। गाजियाबाद क्राइम ब्रांच द्वारा गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों के साथ हुई पूछताछ से पता चला कि एक अभियुक्त का नाम रवि कश्यप है। वह एक समय हाई स्कूल के बाद पढ़ाई छोड़ दिया था और उसने फिर हरिद्वार में एक कंपनी में काम करना शुरू किया था। पैसों की कमी के कारण, वह बदायूं वापस आया, जहां उसकी मुलाकात दो अब्बे और थान सिंह से हुई। इन दोनों ने रवि को आसपास के इलाकों में अफीम बेचने का काम सौंप दिया, जिसमें उसको अच्छे पैसे मिलने लगे।
रवि कश्यप ने अफीम के व्यापार को फिर से शुरू किया, जिसका मुख्य उद्देश्य उसे डिलीवरी करना था। उन्होंने अफीम की मांग को पूरा करने के लिए उत्तराखंड से अफीम लाना शुरू किया, और इसके बाद, वे दिल्ली एनसीआर और पंजाब के इलाकों में अफीम की सप्लाई करने लगे। रवि कश्यप ने बताया कि वे अफीम के मांग के हिसाब से उसे लेते और फिर वो उसे बस, ट्रेन, या अपनी गाड़ी के साथ सप्लाई करने के लिए तैयार करते थे। यह सुनिश्चित करने के लिए कि डिलीवरी सही जगह पर हो, वे रास्ते में अपने फोन को बंद कर लेते थे और किसी से संपर्क नहीं करते थे, जब तक कि सब कुछ सही जगह पर पहुंच जाए।
इन अभियुक्तों का काम खासकर अंतरराज्यीय स्तर पर होता था, और इससे उन्हें अफीम व्यापार में अच्छा लाभ होता था। गाजियाबाद क्राइम ब्रांच के एडीसीपी सच्चिदानंद ने बताया कि इन लोगों से पांच किलो अफीम सहित एक स्कार्पियो जब्त किया गया है।
ऐसे हुए गिरफ्तार
गाजियाबाद के दिल्ली बॉर्डर के पास यह गिरफ्तारी की गई, जब ये लोग स्कॉर्पियों में 5 किलो अफीम लेकर दिल्ली एनसीआर और पंजाब के इलाकों में अफीम सप्लाई करने जा रहे थे। पूछताछ के दौरान, इन अभियुक्तों ने बताया कि वे काफी समय से इस काम में शामिल हैं और उनका काम अफीम व्यापार के लिए अफीम की मांग को पूरा करना होता है। गाजियाबाद क्राइम ब्रांच की दृढ़ निर्णयक नीति और कठिनाइयों का सामना करने की क्षमता के साथ, इस गिरफ्तारी के माध्यम से अफीम व्यापार के खिलाफ एक महत्वपूर्ण संकेत दिया गया है। इस कार्रवाई ने सार्वजनिक सुरक्षा में सुधार करने में मदद की है और इस व्यापार को खत्म करने की दिशा में कदम उठाया है।
गाजियाबाद पुलिस क्राइम ब्रांच की इस उपलब्धि ने अफीम व्यापार के खिलाफ एक महत्वपूर्ण संकेत दिया है कि सुरक्षा बलों और पुलिस विभाग का यह कार्य महत्वपूर्ण है और उनका यह संकल्प है कि वे अफीम और अन्य गंदी दुकानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे।
इस तरह की क्राइम ब्रांच की सफलता हमें यह याद दिलाती है कि अफीम जैसे नशे के व्यापार के खिलाफ साझा काम करके हम सभी मिलकर लड़ सकते हैं और इसे खत्म कर सकते हैं। साथ ही, यह हमें यह भी दिखाती है कि पुलिस विभाग हमारी सुरक्षा में भरपूर सक्षम है और वह अपराधियों को पकड़ने में सफल हो सकता है।
Discussion about this post