गाजियाबाद (करंट क्राइम)। वीरान में गुलिस्तां खिला है तो इसका पूरा श्रेय उन अधिकारियों को है जिन्होंने जन सहभागिता के साथ एक रिकार्ड बनाया है। ये दिखाया है कि यदि पूरी इच्छाशक्ति के साथ कोई काम किया जाये तो क्या नहीं हो सकता। तस्वीरें बताती हैं कि 3 साल पहले इन्दिरापुरम क्षेत्र में कूड़ा ही कूड़ा फैला था। चारों तरफ कचरा दिखाई देता था। ये वो स्थान है जहां कभी एनजीटी ने जुर्माना लगाया था। जब यहां पर आज इसी स्थान पर फूल खिले हैं। इसी स्थान पर हरियाली छाई है। इसी स्थान पर फूलों पर तितलियां है और सुंदर पक्षी आकर बैठ रहे हैं तो निश्चित तौर पर ये एक बड़ी उपलब्धि है। जब मेहनत सार्थक होती है तो उसकी खुशी भी होती है। कूड़े के फैले ढेर से खिले हुए फूलों का ये सफर जब मुकम्मल हुआ तो जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने अपनी इस खुशी को साझा किया। उन्होंने लिखा कि जब मैंने जिले में ज्वाईन किया था तो ये हाल था। तस्वीरों के माध्यम से उन्होंने इसे साझा किया। बताया कि ये इन्दिरापुरम की वो साइट है जहां एनजीटी ने जुर्माना लगाया था। जिलाधिकारी और जीडीए उपाध्यक्ष के रूप में आरके सिंह ने इसे साझा किया है। यहां वीराने में बहार आई है और सही मायनों में ये डीएम आरके सिंह की मेहनत रंग लाई है। टीम वर्क ने काम दिखाया है और मियावाकी पद्धति से लगे पौधों ने इसे गुलशन का रूप दिया है। सुंदर पक्षी यहां आने लगे हैं। तीन साल पहले ये स्थान कैसे दिखाई देता था और तीन साल के बाद यहां कितनी बहार छाई है। जिलाधिकारी ने सभी विभागों को धन्यवाद दिया। डीएम ने इसे मिशन के रूप में लिया और ये एक बड़ी उपलब्धि पर्यावरण के क्षेत्र में मानी जा सकती है। जहां कभी लोग कूड़े की हवा में सांस ले रहे थे वहां अब हरियाली छाई है। ये बदलाव निश्चित रूप से सभी के लिए प्रेरणादायक है। इस बदलाव के लिए सही मायनों में एक अधिकारी के रूप में डीएम आरके सिंह भी आदर्श अधिकारी बने हैं। उन्होंने दिखाया है कि यदि टीम वर्क के साथ संकल्पपूर्वक कार्य किया जाये तो जंगल में मंगल हो सकता है। कूड़े की फैली चादर पर भी बहार आ सकती है। जब पर्यावरण शुद्ध होता है तो फिर जहां कभी कूड़े का ढेर होता था और गंदगी होती थी वहां आज सुंदर पक्षी और तितलियां खुद आ रही हैं।