जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद, पहली बार निकाय चुनाव के लिए बुधवार को वोटिंग हो रही है, और यह मतदान कारगिल में हो रहा है। वहां सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद (LAHDC) कारगिल में 26 निर्वाचन क्षेत्रों में वोटिंग हो रही है, जिसमें 87 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इस चुनाव में बीजेपी और गुपकार अलायंस के बीच मुकाबला माना जा रहा है, हालांकि इस अलायंस में शामिल कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने अपने उम्मीदवारों को भी उपस्थित किया है।
जम्मू-कश्मीर को अनुच्छेद 370 और 35ए के विशेष दर्जे को हटाने के लिए संसद ने 5 अगस्त, 2019 को मंजूरी दी थी, जिसके साथ ही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को भी बांट दिया था। अब दोनों ही केंद्र शासित प्रदेश हैं। जम्मू-कश्मीर में विधानसभा है, जबकि लद्दाख में विधानसभा नहीं है। हालांकि, सरकार का कहना है कि सही समय पर जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाएगा।
स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव आयोजित किए जा रहे हैं
धिकारियों ने बताया कि लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद (LAHDC) के चुनाव में बुधवार सुबह 8 बजे से मतदान शुरू हुआ। कारगिल के उपायुक्त श्रीकांत बालासाहेब सुसे ने कहा कि कुल 278 मतदान केंद्र हैं और एक स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए व्यवस्था की गई है। 114 अति-संवेदनशील और 99 संवेदनशील मतदान केंद्र चिह्नित किए गए हैं। मतदान केंद्रों पर सुबह से ही कतारें देखी गईं, और सबसे पहले वोट डालने वालों में कई बुजुर्ग मतदाता भी शामिल थे। वोटों की गिनती 8 अक्टूबर को होनी है, और नई परिषद 11 अक्टूबर से पहले गठित हो जाएगी।
नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस ने भी अपने उम्मीदवारों को प्रस्तुत किया है।
नेशनल कॉन्फ्रेस के फिरोज अहमद खान की अध्यक्षता वाली मौजूदा परिषद ने 1 अक्टूबर को अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा किया है। चुनाव अधिकारियों के अनुसार, 30 सदस्यीय हिल काउंसिल की 26 सीटों पर चुनाव हो रहा है, जिसमें 85 उम्मीदवारों के चुनावी भाग्य का फैसला होगा। कुल 95,388 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए पात्र हैं।
मतदान के अधिकार रखने वाले चार पार्षदों को प्रशासन द्वारा नामित किया गया है। नेशनल कॉन्फ्रेस और कांग्रेस ने चुनाव पूर्व गठबंधन की घोषणा की थी, लेकिन दोनों दलों ने क्रमश: 17 और 22 उम्मीदवार उतारे हैं। दोनों दलों ने कहा है कि यह व्यवस्था उन क्षेत्रों तक ही सीमित है, जहां भाजपा के साथ कठिन टक्कर है।
ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) के माध्यम से वोटिंग:
पिछले चुनाव में भाजपा ने एक सीट जीती थी और बाद में दो पीडीपी पार्षदों के शामिल होने से अपनी सीटों की संख्या तीन कर ली थी। इस बार बीजेपी ने 17 उम्मीदवारों को प्रस्तुत किया है। अधिकारियों ने बताया कि आम आदमी पार्टी (आप) चार सीटों पर उम्मीदवार उतार रही है, जबकि 25 निर्दलीय भी मैदान में हैं। परिषद चुनाव के लिए पहली बार ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) का उपयोग किया जा रहा है।
Discussion about this post