गाजियाबाद (करंट क्राइम)। करंट क्राइम के सम्पादक दीपक भाटी जी ने मुझसे पूछा कि आपके बारे में नगर निगम का मेयर का चुनाव लड़ाने की चर्चा हो रही है ,आप इस सम्बंध में क्या कहते हैं ? मैंने उनसे चुनाव लड़ने से इंकार किया और मेरे से हुई चर्चा के आधार पर भाटी जी ने करंट क्राइम में खबर छापी। मैं अपने उन हितचिंतकों का हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ जिन्होंने मुझे इस योग्य समझा कि मैं मेयर के रूप में नगर निगम की व्यवस्था को भ्रष्टाचार रहित बना सकता हूँ।
लेकिन विनम्रता के साथ उनके इस प्रस्ताव को अस्वीकार करता हूँ। मैं बीस वर्ष पहले शासन प्रशासन की व्यवस्था से जुड़ा था तब मेरी आयु मात्र 54 वर्ष थी।
मेरे मेरी शारीरिक क्षमताएं असीमित थीं। मन में बहुत कुछ करने का जज्बा था और विपरीत परिस्थितियों को अपने अनुकूल बनाने का साहस था। 20 वर्षों से शासन-प्रशासन की व्यवस्था से बाहर हूँ। 20 वर्षों में हिंडन में बहुत पानी बह गया है। सारा राजनैतिक परिदृश्य ही बदल गया है। हम वर्तमान राजनैतिक व्यवस्था में जैसे अनफिट हो गए हैं। और उम्र भी सन्यास के पड़ाव पर पहुंच रही है। वैसे भी नगर निगम का संचालन पहले भी कोई सरल नहीं रहा है।