गाजियाबाद (करंट क्राइम)। माहौल सियासी है और माहौल चुनावी भी है। माहौल मेल-जोल का है और सुना है कि चुनावी मेल-जोल के मौसम में भगवा गढ़ की सियासत में कुछ खेल और कुछ झोल भी चल रहा है। जो चल रहा है उसकी चर्चा का छोंक लगा है तो खुशबू पूरे माहौल में है। जुबानों पर उसी जायके का जिक्र है और कहने-सुनने-देखने वाले बता रहे हैं कि वो पांचों एकसाथ है। वो एकसाथ मंच पर आते हैं। वो चेयर पर बैठते समय एक-दूसरे की केयर करते है और आसन आसपास ही लगाते है। ये भी एक इत्तेफाक है कि एक शहर में रहते है वो और उनके घर से चंद कदमों की दूरी पर भी कोई रहते है मगर देखने वाले कहते हैं कि मंच पर जब बैठने की बारी आती है तो यहां दूरी नजर आती है। वो पांचों अगर एकसाथ है तो उसी मंच पर एमएलसी दिनेश गोयल दूसरे छोर पर नजर आते है। चर्चा यही है कि भगवा गढ़ की सियासत इस समय इंटरनल टेंशन से गुजर रही है। हो सकता है कि हालात ऐसे हो और किसी की भी इंटेंशन ऐसी न हो। बस सामने की राम-राम और दुआ सलाम है। वरना सभी को अपने काम से काम है। इन सबके बीच चर्चा उस दावत की है जो एमएलसी दिनेश गोयल के घर पर होनी है। डिनर डिप्लोमेसी का अगला डेस्टीनेशन एमएलसी दिनेश गोयल के घर पर था पर ऐसा क्या हुआ कि दावत का सीन इग्नोर हो गया और बगावत के सीन की चर्चा होने लगी। दो महीने हो गए है और इंतजार इसी बात का हो रहा है कि एमएलसी दिनेश गोयल अपने घर पर कब डिनर डिप्लोमेसी वाली दावत देंगे।