जम्मू। जम्मू कश्मीर में टेरर मॉनिटरिंग ग्रुप (टीएमजी)की रणनीति आतंकी गुटों पर भारी पड़ रही है। टीएमजी की प्रभावी कार्रवाई के चलते आतंकियों के जमीनी नेटवर्क पर नकेल कसने में काफी कामयाबी मिली है। आतंकी फंडिंग नेटवर्क को तोड़ने के लिए एजेंसियों की छापेमारी का व्यापक असर हुआ है। बड़े पैमाने पर ओवर ग्राउंड वर्कर गिरफ्तार हुए हैं। सूत्रों का कहना है कि ओडब्ल्यूजी वर्कर और आतंकियों के बीच की चेन तोड़ने के लिए एजेंसियां पूरी तरह सक्रिय हैं। जम्मू-कश्मीर में ओवर ग्राउंड वर्कर नेटवर्क पर नकेल कसने की कार्रवाई के तहत आतंकियों को लॉजिस्टिक मदद के आरोप में 1,900 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। वर्ष 2020 और 2021 में जम्मू-कश्मीर में लगभग 195 आतंकवादी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया गया और पिछले साल लगभग 35 आतंकी ठिकानों का खुलासा किया गया। सूत्रों का कहना है कि पहले आतंकवाद रोधी अभियानों में सक्रिय आतंकवादियों के खात्मे पर ज्यादा फोकस था। लेकिन अब एक प्रभावी रणनीति के तहत आतंकी ढांचे को खत्म करने की कार्रवाई की जा रही है। जम्मू-कश्मीर में यूएपीए और पीएसए के तहत भी सख्ती की जा रही है। वर्ष 2019 और 2021 के बीच, यूएपीए के तहत मामलों की संख्या 437 (2019) से बढ़कर 2020 में 557 हो गई और 2021 में यह 500 के करीब थी। पीएसए बंदियों की संख्या पिछले साल 2020 के 134 से बढ़कर 331 हो गई। अधिकारियों का कहना है कि सुरक्षाबलों व सुरक्षा व आतंकरोधी एजेंसी और जम्मू कश्मीर पुलिस मिलकर दहशतगर्दों के मददगार नेटवर्क को तोड़ने में लगी हैं। सीमापार से स्थानीय स्तर पर लिंक के खिलाफ भी विभिन्न स्तरों पर कार्रवाई हो रही है। अधिकारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में आतंकी गुटों के खिलाफ कार्रवाई और भी व्यापक होगी।