लखनऊ। पालाबदल के तेज होते खेल में अब सपा- रालोद गठबंधन ने अपनी पहली सूची के जरिए दलबदल करने वालों को संदेश दे दिया है। अगर मजबूत हैं और जनाधार है तो टिकट मिल सकता है। अभी दलबदल करने वाले छह नेता सूची में टिकट पा गए हैं। इनमें दो तो मौजूदा विधायक हैं। अभी तो केवल 29 सीटों की सूची जारी हुई है। शुक्रवार को और सूची आएगी। इस समय भाजपा से सपा में आने वालों का सिलसिला तेज हो गया है। कई मंत्री व विधायक सपा में टिकट के लिए आ रहे हैं। गुरुवार को पहली सूची में इन सबके लिए उम्मीद बढ़े गई है। बसपा के असलम चौधरी की बात करें। विधायक चौधरी को सपा में आए काफी वक्त हो गया। वह धौलाना से ही जीते थे। सपा ने उन्हें यहां से प्रत्याशी बना दिया है। भाजपा से रालोद में आए विधायक अवतार सिंह भडाना चार बार के सांसद हैं। उनका हरियाणा में भी अच्छा प्रभाव है। वह अब रालोद से प्रत्याशी हैं। कांग्रेस छोड़ कर रालोद में शामिल हुए गजराज सिंह भी अब प्रत्याशी हो गए हैं। गजराज सिंह हापुड़ से चार बार चुनाव जीत चुके हैं। बसपा छोड़ कर हाजी युनुस भी रालोद के बुलंदशहर से प्रत्याशी हो गए हैं। यूपी सरकार में मंत्री रहे चुके कोकब हमीद के बेटे अहमद हमीद को बागपत से रालोद ने प्रत्याशी बनाया है। वह बसपा से पिछला चुनाव बागपत से ही लड़ चुके हैं। कोकब हमीद कई बार बागपत से विधायक रहे। अगर गठबंधन की सूची में अगर गौर करें तो सभी कमोबेश सभी वर्गों का समायोजन हुआ है। इसमें जाट, गूर्जर हैं। तो ब्राह्मण, क्षत्रिय, पिछड़े व दलित भी हैं। भारतीय किसान यूनियन पश्चिमी यूपी में भाजपा का खेल बिगाड़ने में जुटी है। भाकियू के प्रमुख महेंद्र सिंह टिकैत के करीबी धर्मेंद्र मलिक लखनऊ में अखिलेश यादव से मिले। हालांकि भाकियू गैरराजनीतिक संगठन है। माना जा रहा है कि धर्मेद्र मलिक व कुछ अन्य लोग पश्चिमी यूपी से रालोद या सपा से टिकट पा सकते हैं।
यातायात पुलिस ने काटा चालान, हिन्दू रक्षा दल के कार्यकर्ताओं ने मचाया कोहराम
Ghaziabad: गाजियाबाद में हाल के एक घटनाक्रम ने यातायात और धार्मिक शब्दों के चालान पर हो रहे विवाद को फिर...
Discussion about this post