डेंगू फीवर: कई राज्यों में डेंगू के मामले बढ़ रहे हैं, और अस्पतालों में भारी भीड़ है। राज्य सरकारें डेंगू की रोकथाम के लिए कदम उठा रही हैं। मौसम के बदलाव के कारण हाल के दिनों में देशभर में डेंगू के मामलों में तेजी देखी जा रही है। बारिश भी इस वृद्धि का कारण है, क्योंकि इससे जलजमाव और एडीज मच्छरों के प्रचुर होने की संभावना है। डेंगू के मामले दिल्ली-एनसीआर, यूपी, हरियाणा, बिहार, और पश्चिम बंगाल में अधिक देखे जा रहे हैं।
क्रानियोफेशियल सर्जन डॉक्टर अनुज कुमार ने सुझाव दिया है कि इस स्थिति में हमें कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए।
डेंगू के लक्षण:
डेंगू संक्रमित होने पर इसके लक्षण दिखाई देते हैं। इनमें तेज बुखार, सिरदर्द, आंखों में दर्द, जोड़ों और मांसपेशियों में तेज दर्द, थकान, मितली, उल्टी, मुंह के स्वाद का खराब होना, गले में हल्का दर्द, त्वचा पर लाल चकत्ते, और भूख न लगने के लक्षण शामिल होते हैं।
सतर्क रहने का समय:
आमतौर पर, 5-7 दिनों के बाद, गंभीर डेंगू के लक्षण दिख सकते हैं। इनमें पेट में तेज दर्द, तेजी से सांस लेना, लगातार उल्टी, उल्टी में खून आना, पेशाब में खून आना, बॉडी में लिक्विड जम जाना, मसूड़ों और नाक से खून बहना, सांस लेने में कठिनाई, थकान महसूस करना, चिड़चिड़ापन या बेचैनी, रोगी का होश न रहना, बुख़ार होने के बाद भी त्वचा की ठंडक महसूस हो सकती है। इस स्थिति में, मरीज को तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाना चाहिए।
बचाव के तरीके:
अपने घर और आसपास की नियमित सफाई रखें और जमा पानी को बहाने से रोकें। कूलर, गमले, और टायर में पानी का इकट्ठा नहीं होने दें। कीटनाशकों का उपयोग करें। पानी की टंकी को अच्छे से ढककर रखें और बेहद ध्यानपूर्वक तरीके से मच्छरदानी का उपयोग करें। पूरे शरीर को ढंकने वाले कपड़े पहनें।
डॉक्टर की सलाह:
बुख़ार के इलाज के लिए स्वास्थ्यकर्मी की सलाह के अनुसार पैरासिटामॉल की गोली लें, लेकिन कभी भी डिस्प्रीन या एस्पिरिन न लें। स्वस्थ खानपान का ध्यान रखें और पर्याप्त मात्रा में पेय पदार्थ पिएं। मरीज को जितना संभव हो सके आराम दें।
डेंगू के रिकवरी में यह बातें ध्यान में रखें: रिकवरी के दौरान, शरीर की पानी की कमी से बचाव के लिए पर्याप्त लिक्विड डाइट अपनाएं, जैसे कि नारियल पानी। पपीता का उपयोग करने की सलाह दी जाती है, लेकिन इसे स्पष्ट रूप से स्वास्थ्यकर्मी की सलाह पर ना छोड़ें। अगर प्लेटलेट्स काउंट तेजी से घटता है और बाहरी खून की बहने के लक्षण होते हैं, तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।
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