मगर प्रमुख वैश्य चेहरों की अनुपस्थिति का रहा रहस्यमयी मैटर
वरिष्ठ संवाददाता (करंट क्राइम)
गाजियाबाद। मंगलवार को भारतीय उद्योग व्यापार मंडल ने कांवड़ यात्रा सकुशल संपन्न होने पर सिविल डिफेंस के चीफ वार्डन ललित जायसवाल और पुलिस अधिकारियों के स्वागत का कार्यक्रम आयोजित किया। व्यापार मंडल का यह कार्यक्रम अच्छा कार्यक्रम था और कार्यक्रम में वैसे तो पुलिस महानिरीक्षक, जिलाधिकारी और एसएसपी को भी बुलाया गया था लेकिन एसपी सिटी निपुण अग्रवाल और सिविल डिफेंस के चीफ वार्डन ललित जायसवाल का स्वागत हुआ। कई अधिकारी नहीं आए और इसका कारण सरकारी कार्यों की व्यवस्ता रही। लेकिन कार्यक्रम में जो चर्चा का विषय रहा वो यह रहा कि जब भाजपा वाले ही कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं तो भाजपा वालों को ही आमंत्रित करने में कंजूसी क्यों बरती गई। व्यापार मंडल के अनुज मित्तल भाजपा पदाधिकारी हैं। आशुतोष बिंदल से लेकर यहां पर राज्यसभा सांसद अनिल अग्रवाल के प्रतिनिधि देवेंद्र हितकारी भी मौजूद थे।
उम्मीद थी कि सम्मान में वो दल वालों को भी दिल से बुलाएंगे। लेकिन इस कार्यक्रम में जब कई भगवा वैश्य चेहरे नहीं आए तो आपस में फोन मिलाए गए और ये पता लगाने की कोशिश की गई कि वो खुद नहीं आए या आयोजकों द्वारा बुलाए ही नहीं गए। निमंत्रण दिया था या नहीं, इसी बात पर सस्पेंस अभी तक बना हुआ है। जब स्वागत हो रहा है तो यहां पर शहर विधायक अतुल गर्ग हो सकते थे। पूर्व राज्यमंत्री हैं और आयोजकों से पूरी तरह परिचित हैं। एमएलसी दिनेश गोयल की तो मंगलवार को लोकेशन ही आरकेजीआईटी की थी। लेकिन वो भी इस कार्यक्रम में नजर नहीं आए। संजीव गुप्ता सामाजिक सरोकारों से लेकर राजनीति के किरदारों में है। टिकट के दावेदारों में हैं। मगर व्यापार मंडल की आमंत्रण वाली सूची के किरदार में नहीं है। वेदप्रकाश गर्ग खादी वाले भी निमंत्रण का सम्मान करते हैं और जरूर पहुंचते हैं। अब अगर ऐसी शख्सियत भी नहीं है तो जाहिर है कि व्यापार मंडल ने कार्यक्रम को सीमित रखा होगा या फिर ये सभी चेहरे खुद ही सोची समझी दूरी बना गए। हो सकता है इन लोगों से कोई ट्यूनिंग न हो, लेकिन यहां भाजपा के सुनीता दयाल, दिनेश सिंघल, मंयक गोयल, अशोक गोयल, पवन गोयल, अजय गुप्ता भी नहीं थे। क्या ये इस बात का संदेश है कि वैश्य समाज अपने भाजपा नेताओं को लेकर ही एकजुट नहीं है। बड़ी बात ये कि जिस मंच पर राज्यसभा सांसद के प्रतिनिधि मौजूद हैं उस मंच पर राज्यसभा सांसद भी मौजूद नहीं थे। चर्चा यही थी कि वह दिल्ली सत्र में व्यस्त थे इसलिए नहीं आ पाए। इन चेहरों की अनुपस्थिति चर्चा का विषय रही। दूरी बाईचांस थी या सोची समझी रणनीति का हिस्सा। इस बात की खूब चर्चांए हो रही है।
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