गाजियाबाद (करंट क्राइम)। मेयर सीट सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित है और इस सीट पर यदि इसके जनरल इतिहास को देखे तो यहां तीन बार वैश्य और एक बार ब्राह्मण चेहरे को मौका मिला है। यहां से वैश्य वर्ग स्व. डीसी गर्ग दो बार मेयर रहे। स्व. दमयंती गोयल जनरल महिला सीट पर भाजपा के टिकट पर मेयर निवार्चित हुई। सामान्य महिला वर्ग सीट आरक्षित होने पर आशा शर्मा मेयर चुनी गई और अगले मेयर के चयन तक वो मेयर है। यहां पर वैश्य वर्ग की भागीदारी मजबूत मानी जाती है और वैश्य समाज को शुरू से भाजपा का परंपरागत वोटर माना जाता है। यदि यहां पर वैश्य चेहरों की मेयर दावेदारी की बात करेंगे तो यहां ये चेहरे मेयर पद के लिए सामान्य सीट पर स्पेशल दावेदार हो सकते है।
मयंक गोयल की दावेदारी और उनकी पार्टी के प्रति वफादारी
(करंट क्राइम)। मयंक गोयल भाजपा का वो चेहरा है जो बाल्य काल से संघ संस्कारों से जुड़ा है तो पार्टी के लिए हर प्लेटफार्म पर उन्होंने मेहनत की। पूरा परिवार संघ पृष्ठभूमि से है। उनकी माता स्व. दमयंती गोयल गाजियाबाद की प्रथम महिला मेयर रही है। एक कार्यकर्ता के रूप में मयंक गोयल की पार्टी के प्रति वफादारी और उनकी कार्यशैली में जिम्मेदारी अलग ही दिखाई देती है। मौजूदा समय में संगठन के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष है। मेयर पद के लिए दावेदारी में नाम है और इससे पहले वह विधानसभा चुनाव के लिए प्रबल दावेदारी कर चुके है। कोरोना काल में मयंक गोयल विशेष रूप से जरूरतमंद लोगों की मदद की थी। भाजपा कार्यकर्ता के रूप में गैर विवादित चेहरा है वेदप्रकाश गर्ग
(करंट क्राइम)। भाजपा की राजनीति का जिक्र गाजियाबाद में वेद प्रकाश गर्ग खादी वालो के बिना अधूरा है। उनका नाम यहां किसी परिचय की जरूरत नहीं रखता। एक ऐसे भाजपाई जो विपक्षी सरकारों में अपनी जेब में भाजपा कार्यकर्ता वाला विजिटिंग कार्ड रखकर गर्व से अपना भाजपा परिचय देते थे। आज सरकार है तो बेहद विनम्र अंदाज और सौम्य व्यवहार के साथ संगठन के कामों को देखते है। महानगर उपाध्यक्ष रहे है और सहयोग आजीवन निधि का प्रभार है। पीढ़ी दर पीढ़ी ये परिवार भाजपाई है और सबसे बड़ी बात ये है कि वेद प्रकाश गर्ग और उनका परिवार सभी के सुख-दुख में शामिल होता है।
विधानसभा की दावेदारी के बाद मेयर दावेदारी में पवन गोयल
(करंट क्राइम)। भाजपा के वैश्य चेहरों की बात करें तो यहां पवन गोयल के जिक्र के बिना ये बात अधूरी है। सबसे युवा निगम पार्षद रहे है। जीडीए बोर्ड सदस्य है और एक्टिव राजनीति करते है। भाजपा का पुराना चेहरा है और लाइफ टाइम भाजपाई है। राजनीति के क्षेत्र में संबंधों की एक मजबूत चेन है। विधानसभा चुनाव में प्रबल दावेदार रहे है और मेयर चुनाव में दावेदारी के लिए वैश्य चेहरों में पवन गोयल का भी नाम है। कार्यकर्ताओं के साथ बेहतर तालमेल है और वैश्य समाज की भागीदारी में पवन गोयल का नाम मेयर दावेदारी में आता है। एक ऐसा चेहरा जो पार्टी के सभी आयामों और बैठकों में नजर आता है।
सेवा और समर्पण के बेस पर ललित जायसवाल भी मेयर उम्मीदवारी का फेस
(करंट क्राइम)। ललित जायसवाल सिविल डिफेंस के चीफ वार्डन है और लगातार समाज सेवा में एक्टिव रहते है। भाजपा के ऐसे कार्यकर्ता है जो बेहद खामोशी से लेकिन पूरे समर्पण के साथ काम करते है। ललित जायसवाल वैश्य समाज का सौम्य चेहरा है। राजनीति में जब दावेदारी की बात चलेगी और यहां सौम्यता के साथ योग्यता की बात होगी तो ललित जायसवाल पर्दे के पीछे के बड़े खिलाड़ी है। सामाजिक, साहित्यक, सास्कृतिक गतिविधियों में अव्वल रहते है। हमेशा महानगर को कुछ नया और सकारात्मक देने का उनका प्रयास रहता है। योग दिवस से लेकर मतदाता मेले तक उनका विजन दिखाई देता है। सेवा और समर्पण के बेस पर ललित जायसवाल भी उम्मीदवारी का फेस हो सकते है।
निगम के पुराने खिलाड़ी विजय मोहन को देगी पार्टी यह मौका
(करंट क्राइम)। राजनीति में अगर सिद्धांतों की बात करें तो यहां पूर्व निगम पार्षद, पूर्व महानगर अध्यक्ष विजय मोहन का नाम आता है। एक ऐसे व्यक्ति जिन्होंने वार्ड महिला आरक्षित होने पर सिबंल वापस किया और चुनाव लड़ने से इंकार किया। पार्टी ने जब उन्हें कोई सरकारी जिम्मेदारी दी तो वापस लौटाई और संगठन में काम करने की इच्छा जताई। भाजपा की भगवा गढ़ राजनीति के पुराने खिलाड़ी है। यदि पार्टी यहां मेयर दावेदारों की बात करती है तो विजय मोहन के नाम को इग्नोर नहीं किया जा सकता। ईमानदार छवि और निगम एक्ट के गहरे जानकार है। वैश्य समाज में मजबूत पकड़ मानी जाती है।
संजीव गुप्ता की मेयर दावेदारी बनती है भगवा गढ़ की सियासत में
(करंट क्राइम)। संजीव गुप्ता वैश्य समाज का वो चेहरा है जो कारोबार से लेकर सियासत और समाज सेवा के हर सरोकार में नजर आता है। विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने दावेदारी की थी। सौम्य अंदाज में राजनीति करते है और कभी भी किसी के विरोध में कोई बात नहीं करते। भाजपा महानगर कोषाध्यक्ष है और मेयर चुनाव में वैश्य समाज से उनकी भी दावेदारी बनती है। तिरंगा यात्रा से लेकर पार्टी के हर आयाम में वो एक्टिव रहते है। वैश्य समाज का एक प्रतिष्ठित चेहरा है और मेयर चुनाव के लिए भाजपा उम्मीदवार के लिए इस नाम से भी उम्मीद की जा सकती है।